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भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन पर एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक

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Shahnawaz Hussain Relief From Supreme Court Stayed Order Of Delhi High Court  ANN | Shahnawaz Hussain Rape Case: बीजेपी नेता शाहनवाज हुसैन पर रेप केस में  नहीं दर्ज होगा FIR , जानें

सुप्रीम कोर्ट ने दुष्कर्म के आरोप में भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन पर एफआईआर दर्ज करने के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में पीड़ित महिला को नोटिस जारी किया है। इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर के तीसरे हफ्ते में होगी।

दिल्ली हाई कोर्ट ने शाहनवाज हुसैन के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने और तीन महीने में जांच कर ट्रायल कोर्ट में रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया था। हाई कोर्ट ने कहा था कि सभी तथ्यों को देखने से साफ है कि इस मामले में एफआईआर दर्ज करने तक पुलिस की अनिच्छा नजर आ रही है। हाई कोर्ट ने कहा था कि ट्रायल कोर्ट ने पुलिस से एक्शन टेकन रिपोर्ट मांगी थी लेकिन कोर्ट में पेश की गई पुलिस की रिपोर्ट अंतिम नहीं थी।

दरअसल दिल्ली की एक महिला ने 22 अप्रैल, 2018 को पुलिस थाने में शिकायत दी कि छतरपुर के एक फार्म हाउस में शाहनवाज हुसैन ने उसके साथ दुष्कर्म किया और जान से मारने की धमकी दी थी। महिला के मुताबिक उसकी शिकायत पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद 26 अप्रैल, 2018 को महिला ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। महिला की शिकायत के मुताबिक पुलिस शाहनवाज हुसैन को बचाना चाहती थी। महिला ने 21 जून, 2018 को साकेत कोर्ट में याचिका दायर कर शाहनवाज हुसैन के खिलाफ दुष्कर्म का केस दर्ज कराने की मांग की थी। पुलिस ने ट्रायल कोर्ट को बताया था कि शाहनवाज हुसैन के खिलाफ मामला नहीं बनता है। ट्रायल कोर्ट ने दिल्ली पुलिस की इस दलील को खारिज करते हुए कहा था कि महिला की शिकायत में संज्ञेय अपराध का होना पाया गया है। साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने 7 जुलाई, 2018 को एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया।

इसके बाद शाहनवाज हुसैन ने मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश के खिलाफ स्पेशल कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की। स्पेशल जज ने भी 12 जुलाई को शाहनवाज हुसैन की याचिका खारिज करते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट के आदेश पर मुहर लगा दी। स्पेशल कोर्ट ने कहा कि अपराध संशोधन अधिनियम के तहत दुष्कर्म के मामले में पुलिस पीड़ित महिला का मजिस्ट्रेट के समक्ष बयान दर्ज कराने के लिए बाध्य है। स्पेशल कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस ने जो जांच की वो प्रारंभिक जांच थी और मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने पुलिस की रिपोर्ट को मामला खत्म करने वाली रिपोर्ट नहीं मानकर सही किया। उसके बाद शाहनवाज हुसैन ने स्पेशल जज के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी।

आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल

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