पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान पर रविवार को एक सार्वजनिक रैली के दौरान देश के संस्थानों को कथित तौर पर धमकी देने और भड़काऊ बयान देने पर आतंकवाद अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया।
इस्लामाबाद में एक सार्वजनिक रैली में शीर्ष पुलिस अधिकारी और महिला मजिस्ट्रेट के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी देने पर पाकिस्तान सरकार खान के खिलाफ कार्रवाई पर विचार कर रही थी। इमरान खान के खिलाफ आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया है।
खान ने अपने सहयोगी शाहबाज गिल के इलाज पर शीर्ष पुलिस अधिकारियों, एक महिला मजिस्ट्रेट, पाकिस्तान के चुनाव आयोग और राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ मामला दर्ज करने की धमकी दी, जिन्हें पिछले हफ्ते देशद्रोह के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
खान पर इस्लामाबाद पुलिस द्वारा आतंकवाद अधिनियम की धारा 7 के तहत मामला दर्ज किया गया है। प्राथमिकी में कहा गया है कि उसने इस्लामाबाद में पुलिस महानिरीक्षक और महिला मजिस्ट्रेट को 20 अगस्त को धमकी दी थी।
उस भाषण के बारे में बताया था जिसमें खान ने आईजी और मजिस्ट्रेट के खिलाफ धमकी जारी की थी।
यूट्यूब पर ब्लॉक करने का लगाया आरोप
पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने शहबाज सरकार पर देश में यूट्यूब पर अस्थायी रूप से ब्लॉक करने का आरोप लगाया गया है। इमरान ने आरोप लगाया कि मेरे राजनीतिक रैली को भाषण लाइव सुनने से रोकने के लिए यह सब किया जा रहा है। गौरतलब है कि पाकिस्तान के इलेक्ट्रानिक मीडिया नियामक ने शनिवार की देर रात खान के भाषणों के लाइव प्रसारण पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। जिसके बाद खान द्वारा यह आरोप लगाया गया है।
खान ने ट्विटर पर कहा कि सरकार ने मेरे भाषण को रोकने के लिए यूट्यूब को बीच में ही ब्लॉक कर दिया। हालांकि पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण जवाब नहीं दिया। बता दें कि अप्रैल में सत्ता से बेदखल होने के बाद से खान पाकिस्तान में नए चुनावों पर जोर दे रहे हैं। वह देश भर में सभाओं में उग्र भाषण दे रहे हैं।
वहीं पाकिस्तान इलेक्ट्रानिक मीडिया रेगुलेटरी अथारिटी (पीईएमआरए) ने बीते दिन ही इमरान के भाषणों के लाइव कवरेज पर रोक लगाई है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल