गंगा का रुख अब डराने लगा है जिसके चलते गंगा सहित वरुणातटवासी सहमे हुए हैं। बढ़ता जलस्तर चेतावनी बिंदु से महज 90 सेंटी मीटर दूर रह गया है। जलस्तर में बढ़ाव के चलते वरुणा में पलट प्रवाह तेज हो गया है और इसके कारण वहां की आबादी का पलायन भी शुरू हो गया है। घरों के दरवाजे तक पानी पहुंच गया है।
वरुणा क्षेत्र के नखी घाट, दीनदयालपुर, मीरा घाट, में रहने वाली आबादी अपना-अपना बोरिया-बिस्तर बांधकर सुरक्षित स्थानों की ओर जाने लगी हैं। इधर, 84 घाटों को डूबो चुकी गंगा अब सड़कों व गलियों के रास्ते शहरी आबादी की ओर भी रुख कर चुकी हैं। दशाश्वमेध घाट स्थित अतिप्राचीन सिद्धपीठ शीतला माता मंदिर का अब कुछ ही हिस्सा पानी में डूबने से बचा हुआ है।
पानी बढ़ने के बावजूद गंगा स्नान करने वालों के उत्साह में कोई कमी नहीं आयी है। दशाश्वमेध घाट पर प्रतिदिन सुबह से दोपहर तक गंगा स्नान के लिए बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। इधर, नए अस्सी घाट के सबसे बड़े प्लेटफार्म पर पानी घुटने से ऊपर रहा। वहां, कुछ लोग घुटने भर पानी में खड़े होकर सेल्फी लेते दिखे। हालांकि बाद में स्थानीय पुलिस ने ऐसे लोगों को समझा-बुझाकर वहां से हटा दिया।
इसके बाद रफ्तार कुछ हुई और 4.3 सेंटीमीटर की गति के साथ अपराह्न तीन बजे 68.97 मीटर दर्ज किया गया। बढ़ाव की रफ्तार का कम होना इसके बाद भी जारी रहा और तीन सेंटीमीटर की गति से जलस्तर सायं छह बजे 69.06 मीटर पहुंच गया था। सायं छह बजे बाद बढ़ाव की रफ्तार सुबह की अपेक्षा आधे से कम रह गयी थी। रात आठ बजे तक जलस्तर प्रतिघंटे दो सेंटीमीटर की गति से बढ़त बनाते हुए 69.10 मीटर का आंकड़ा बता रही थी।