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पीएचडी प्रवेश परीक्षा छह-सात सितंबर को, जानें कब जारी होंगे एडमिट कार्ड

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लखनऊ विश्वविद्यालय।

लखनऊ विश्वविद्यालय व सहयुक्त महाविद्यालयों में सत्र 2021-22 की पीएचडी प्रवेश परीक्षा छह व सात सितंबर को होगी। 1250 सीटों पर प्रवेश के लिए होने वाली इस परीक्षा के एडमिट कार्ड एक सितंबर से डाउनलोड किए जा सकेंगे। परीक्षा ओल्ड कैंपस में दो पालियों में होगी।

लविवि व सहयुक्त महाविद्यालयों में पीएचडी नियमित और विवि में पार्टटाइम पीएचडी के लिए प्रवेश प्रक्रिया 12 जुलाई से शुरू हुई थी। इस बार पीएचडी में विश्वविद्यालय और कॉलेजों में 1250 और पार्टटाइम पीएचडी में 42 सीटें मिलाकर कुल 1292 सीटों पर प्रवेश होना है। पहली बार कॉलेजों के स्नातक शिक्षकों को भी पीएचडी कराने का मौका दिया गया है।

कॉलेजों से आवेदन लेकर विवि की ओर से अपने यहां संबंधित डीआरसी से सीटों का निर्धारण किया गया है। इसके आधार पर प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया जा रहा है। प्रवेश समन्वयक प्रो. पंकज माथुर ने कहा कि किसी अभ्यर्थी ने एक से अधिक विषय में आवेदन किया है और उसकी प्रवेश परीक्षा एक समय पर तय की गई है तो इसके बारे में दो दिन में मेल से सूचित करें। इसके बाद इसमें संशोधन संभव नहीं होगा।
 

यह है परीक्षा कार्यक्रम

छह सितंबर को सुबह 11.30 से दोपहर 01 बजे तक हिंदी, परसियन, उर्दू, जुलॉजी, स्टेटिसटिक्स, बॉटनी, भूगोल, राजनीति विज्ञान, शाम 04 से 5.30 बजे तक अंग्रेजी, अर्थशास्त्र, शारीरिक शिक्षा, होम साइंस, एंथ्रोपोलॉजी, समाजशास्त्र, बायोकेमेस्ट्री, फिजिक्स, संस्कृत, बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की प्रवेश परीक्षा होगी। वहीं, सात सितंबर को सुबह 11.30 से दोपहर 01 बजे तक कॉमर्स, फिलॉसिफी, डिफेंस स्टडीज, केमेस्ट्री, एआईएच, एजुकेशन, जियोलॉजी, वेस्टर्न हिस्ट्री, फे्रंच व शाम 04 से 5.30 बजे तक मेडिवल एंड मॉडर्न हिस्ट्री, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, साइकोलॉजी, सोशल वर्क, मैथ्स, अप्लाइड इकोनॉमिक्स, लॉ, जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन, लिंग्विसटिक्स की प्रवेश परीक्षा होगी।

30 मिनट पहले पहुंचें परीक्षा केंद्र

प्रो. पंकज माथुर ने बताया कि आवेदकों को 30 मिनट पहले परीक्षा केंद्र पहुंचना होगा। 90 मिनट की परीक्षा एमसीक्यू पर आधारित होगी। इसमें संबंधित विषय व रिसर्च मेथडोलॉजी से 70 बहुविकल्पीय सवाल पूछे जाएंगे। प्रत्येक प्रश्न एक अंक का होगा। निगेटिव मार्किंग नहीं होगी।

नहीं खत्म हुआ कॉलेज शिक्षकों का इंतजार

विवि से संबद्ध कॉलेजों के स्नातक शिक्षकों को पहली बार पीएचडी कराने का अवसर तो दिया गया, लेकिन उनका इंतजार नहीं खत्म हुआ। विश्वविद्यालय ने कॉलेजों से जानकारी लेकर डीआरसी से सीटें तो निर्धारित कर दीं, लेकिन न तो इसमें कॉलेज और विवि का वर्गीकरण किया गया है और न ही कॉलेजों की मांग के बाद यह बताया गया कि किस शिक्षक को पीएचडी सीट अलॉट हुई है और किसे नहीं?
आशा खबर / शिखा यादव 

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