हिंदू पक्ष ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब पेश करने के लिए हिंदू पक्ष ने 274 पन्नों की खास रिपोर्ट बनाई है. इस रिपोर्ट में सर्वे के दौरान कुंड के भीतर मिले कथित शिवलिंग पर भी हिंदू पक्ष ने अपने तर्क पेश किए हैं. रिपोर्ट के मुताबिक मूल रूप से शिवलिंग के ऊपर के हिस्से में हीरे रखे जाते थे. वह जगह हीरे रखने की जगह थी. अब उसमें से हीरे हटा दिए गए हैं, लेकिन वो जगह वैसी की वैसी है.
इस रिपोर्ट के जरिए सुप्रीम कोर्ट में हिंदू पक्ष अपना पक्ष रखेगा. रिपोर्ट में कहा गया है कि फव्वारे की थ्योरी बिल्कुल गलत है. रिपोर्ट में औरंगजेब के मंदिर विध्वंस के बारे में भी बताया गया है. बताया गया है कि औरंगजेब ने मंदिर पूरी तरह विध्वंस नहीं किया था. मंदिर के शेष भाग पर हिंदू पूजा करते रहे. मस्जिद होने के लिए जरूरी है कि पहले वक्फ हो और इस मस्जिद के लिए वक्फ है ही नहीं है.
रिपोर्ट में मुख्य पांच मुद्दे हैं
1. काशी पौराणिक नगरी है, 5 करोड़ के रेडियस में भगवान शिव ने स्वयं बसाया था.
2. गंगाजी के साथ आदिविश्वेश्वर को भगवान शिव इसी धरती पर लाए थे.
3. यहां एक भव्य मंदिर था. 1580 में राजा टोडरमल ने यह मंदिर बनवाया था और 1669-70 में औरंगजेब ने उसे जुड़वा दिया. औरंगजेब पूरा मंदिर नहीं तोड़ पाया और कुछ हिस्से उसके बच गए.
4. कमिश्नर की रिपोर्ट में मंदिर के अवशेष के जिक्र हैं. पश्चिमी दीवार पर सनातन हिंदू धर्म के अवशेष हैं.
5. शिवलिंग मिला है. शिवलिंग को दीवार उठाकर ढक दिया था. डिमांड है कि उसे हटाया जाए. मालूम पड़े कि शिवलिंग की ऊंचाई और लंबाई कितनी है?
रिपोर्ट में कहा गया है कि 1991 एक्ट तब वायलेशन होगा जब यह एक्ट लागू होगा. रिलीजियस कैरेक्टर का भी जिक्र किया गया है. और 1936 में भी लोगों ने बयान दिया है कि इस जगह का रिलीजियस कैरेक्टर केवल मंदिर ही रहा है. पुराने मंदिर के शिखर के ऊपर यह गुंबद रख दिए हैं. तीनों गुंबद के नीचे पुराने शिखर हैं.
इस रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि वर्ष 1547 में इस मंदिर का रिलीजियस कैरेक्टर हिंदू मंदिर का था. पश्चिमी दीवार पर सभी कलाकृतियां मंदिर की हैं. उसी के आगे मां श्रृंगार गौरी का चौखट है. मंदिर के ऊपर से गुंबद बनाए गए हैं वह टूटी हुई दीवार पर बनाए गए हैं.