पुलिस का दावा है कि मुजफ्फर ने यह दोनों संपत्तियां अपने बड़े भाई मोअज्जम के नाम से खरीदी थीं। खास बात यह है कि मोअज्जम ने कुर्की की कार्रवाई से बचाने के लिए यह दोनों संपत्तियां अपनी नजदीकी रिश्तेदारों के नाम कर दी थी।
इनमें से 84 वर्ग मीटर के भूखंड को असगरी बीबी निवासी अकबरपुर उर्फ गंगागंज, अटरामपुर नवाबगंज के नाम कर दिया था। जबकि 306.69 वर्ग मीटर में बने मकान को वैश अहमद निवासी वरीपुर कोखराज के नाम पर दर्ज करा दिया था।
मूल रूप से नवाबगंज के चफरी निवासी मुजफ्फर नैनी जेल में निरुद्ध है। पिछले साल पूरामुफ्ती थाने में उसके साथ ही 14 पर गैंगस्टर के तहत केस दर्ज किया गया था। कुर्की की कार्रवाई इसी मामले में की गई। सीओ सिविल लाइंस अभिषेक भारती पूरामुफ्ती, धूमनगंज व खुल्दाबाद की फोर्स लेकर मंगलवार शाम पांच बजे बम्हरौली उपरहार पहुंचे। मुनादी कराने के बाद पुलिस ने कार्रवाई से संबंधित बोर्ड भूखंड व मकान पर लगवा दिया।
30 से ज्यादा मुकदमे हैं दर्ज
मुजफ्फर पूरामुफ्ती थाने का हिस्ट्रीशीटर है। पुलिस के मुताबिक, वह अंतर जनपदीय गो तस्कर गिरोह का सरगना है। उस पर प्रयागराज के अलावा वाराणसी, कौशाम्बी, फतेहपुर, भदोही व चंदौली में 30 मुकदमे दर्ज हैं। इनमें से ज्यादातर मामले गोवध अधिनियम के हैं। पिछले साल उसने जेल में रहते हुए ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीता था।
अब तक कुल 14 संपत्तियों पर हो चुकी है कार्रवाई
मुजफ्फर गैंग की अब तक कुल 13 संपत्तियों पर कार्रवाई हो चुकी है। इससे पहले खुल्दाबाद के बक्शी बाजार में एक, बम्हरौली उपरहार में छह व अप्रैल में पूरामुफ्ती के बेगम बाजार स्थित पांच भूखंड व मकानों को गैंगस्टर के तहत कुर्क किया गया था। इनका कुल मूल्य करीब 15 करोड़ रुपये बताया गया है।
आशा खबर / शिखा यादव