आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में अमृत महोत्सव कार्यक्रम अंतर्गत राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने रक्षाबंधन उत्सव, अखंड भारत संकल्प दिवस व भारत माता की आरती कार्यक्रम हर्षाेल्लास के साथ मनाया।
इस अवसर पर जयभान सिंह पवैया पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बजरंग दल एवं पूर्व मंत्री म.प्र. सरकार ने कहा कि देश से धारा 370 हट गया है, राम मंदिर बनने लगा है और अब मथुरा की बारी है। इसके साथ ही अब भारत को अखंड बनाना है और यह सब देश भक्तों के लिए कुछ भी नहीं है।
उन्होंने रक्षाबंधन का महत्व बताते हुए कहा कि यह पर्व केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं है बल्कि यह सम्पूर्ण समाज का त्योहार है, इसलिए कर्म कांडी ब्राम्हण भी अपने यजमानों को रक्षासूत्र बांधते हैं। उन्होंने कहा कि हम लोग संकल्प लें कि खंडित भारत को अखंडित बनाना है। पहले भारत सियासत में बंटा था लेकिन हिन्दू समाज ने इसका जवाब पिछले 6 दिसंबर को दे दिया था। इसी प्रकार 5 अगस्त 2020 को रामजन्मभूमि मंदिर का पुनर्निर्माण इसका जवाब है। वर्ष 1528 में बाबर ने राममंदिर तोड़ने का आदेश दिया लेकिन हिन्दू अपना सिर कटाते रहे और मंदिर में हथौड़ी नहीं चलने दी। कहा कि किसी माई के लाल में ताकत नहीं थी कि रामलला को लूट लेते।
मुख्य अतिथि श्री पवैया ने रक्षा सूत्र के महत्व को बताते हुए कहा कि श्रावण मास की पूर्णिमा को माता लक्ष्मी ने राजा बलि को रक्षा सूत्र बांधा था और अपने पति भगवान विष्णु को पुनः प्राप्त किया था तभी से श्रावण पूर्णिमा के दिन रक्षा बंधन का पर्व मनाया जाता है। रक्षा बंधन पर्व पर रक्षा सूत्र के माध्यम से हम सब लोग संकल्प लें कि खंडित भारत को अखंडित करना है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए दिनेश सिंह सेवानिवृत्त आयुक्त चित्रकूटधाम मंडल बांदा ने कहा कि देश की रक्षा के लिए एक जुट होकर कार्य करें और इस खंड भारत को अखंड बनाएं। कार्यक्रम का संचालन इंद्रवीर ने किया।
इस अवसर पर सह प्रान्त कार्यवाह भवानी जी, सह प्रान्त संघ चालक वीरेंद्र चतुर्वेदी, जिला संघ चालक जगन्नाथ, सह जिला संघ चालक सुरेंद्र पाठक, नगर संघ चालक रामनाथ, विभाग प्रचारक मनोज, विभाग कार्यवाह संजय, जल शक्ति राज्य मंत्री रामकेश निषाद, सांसद आर के पटेल, सदर विधायक प्रकाश द्विवेदी, नरैनी विधायक ओम मणि वर्मा, जिलाध्यक्ष संजय सिंह के अलावा हिन्दू संगठनों व भाजपा के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता भारी संख्या में मौजूद रहें।
आशा खबर / शिखा यादव