आजादी के अमृत महोत्सव पर सोमवार को जनपद के अलग-अलग जगहों पर हरिशंकरी (पीपल, बरगद व पाकड़) को लगाया गया। अधिकांश पौधे मंदिर परिसर व अन्य सार्वजनिक स्थानों पर रोपे गये। डीएफओ श्रद्धा यादव ने बताया कि मनियर, फेफना, बांसडीह, बांसडीह रोड, दुबहड़, बिल्थरारोड आदि करीब 10 जगहों पर सोमवार को हरिशंकरी के पौधे लगाये गये। बताया कि शक्ति वन के तहत दर्जनों स्थानों पर आम, नीम व कदम के पौधे लगाये जा चुके हैं।
बसंतपुर स्थित शहीद स्मारक में वन विभाग की ओर हरिशंकरी के पौधे लगाये गये। वक्ताओं ने कहा कि उक्त पौधे सबसे अधिक आक्सीजन देते हैं तथा इससे पर्यावरण शुद्ध रहता है। वन रेंजर शंकर सिंह ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक मनुष्य का यह दायित्व है कि वह अपने जीवनकाल में एक पौधा अवश्य लगाए तथा उसकी देख-रेख करें। उन्होंने कहा कि पेड़-पौधों से ही धरती पर मानव जीवन का अस्तित्व है। ऐसे में आधुनीकरण की दौड़ में धड़ल्ले से हो रही हरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण का संतुलन बिगड़ रहा है। पृथ्वी पर मानव जीवन को बनाएं रखने के लिए पौधरोपण जरुरी है। इस मौके पर संजीव कुमार डम्पू आदि थे।
दुबहड़ हिसं के अनुसार अमृत महोत्सव के तहत सोमवार को जनाड़ी गांव में जनेश्वर मिश्र सेतु एप्रोच मार्ग के किनारे हरिशंकरी के पौधे लगाये गये। इस दौरान जनाड़ी के प्रधान विनोद पासवान ने कहा कि पुराने जमाने में लोग फलदार वृक्षों के अलावे पीपल, बरगद व पाकड़ जैसे पौधों को लगाते थे। यह पौधे आज भी गांवों में खड़े हैं तथा उसके छाये में लोग पूरा दिन रहते हैं। ऐसे में जरुरी है कि पर्यावरण के लिये हर कोई हरिशंकरी का पौधा लगाये। इस मौके पर वन दरोगा विनोद कुमार तिवारी, वन दरोगा प्रवीण कुमार ओझा, रामकृष्ण तिवारी, गुरु प्रसाद पांडेय, वनरक्षक सोनी यादव, गणपति राम, अजय यादव, संजय यादव, मोहन यादव, सुरेंद्र यादव आदि थे।
आशा खबर / शिखा यादव