उत्तराखंड में राज्य गठन के बाद पहली बार किसी माफिया के विरुद्ध पीआईटी एनडीपीएस एक्ट का प्रयोग किया गया है। देहरादून में 2015 से 21 तक रेस्टोरेंट की आड़ में मादक पदार्थों के कारोबार में संलिप्त शिवम गुप्ता के खिलाफ इस कार्रवाई को अंजाम दिया गया है। शिवम गुप्ता के खिलाफ गृह विभाग ने पीआईटीएनडीपीएस एक्ट का प्रयोग किया है और उसे जेल भेज दिया गया है।
एसटीएफ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह का कहना है कि नशा माफिया को खत्म करने की पुलिस की अपील पर सरकार द्वारा शिव गुप्ता पर यह एक्ट लगाया गया है जो राज्य की स्थापना के 22 वर्षों के बाद किया गया है। नशा कारोबार में लिप्त आरोपित शिवम गुप्ता को द प्रिवेंशन ऑफ इलिसिट ट्रैफिक इन नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सबस्टांसेस एक्ट-1988 के तहत कार्रवाई की गई है। शासकीय अधिवक्ता मनोज शर्मा का कहना है कि लगातार नशा कारोबार में लिप्त आरोपित पर यह धारा लगाई जाती है ताकि आसानी से उन्हें जमानत न मिल सके।
शिवम गुप्ता पहले भी वर्ष 2015 में वह चरस तस्करी तथा 2016 में वह अवैध स्मैक के साथ पकड़ा गया था। थाना पटेलनगर में दर्ज इस आख्या के साथ ही 2021 में थाना डोईवाला में उसकी होंडा सिटी कार में अवैध स्मैक बरामद हुई थी। आरोपित पर जानलेवा हमले के भी कई प्रकरण दर्ज है। वह जमानत का फायदा उठाकर फिर पुराने कारोबार में जुट जाता था।
आरोपित ने नशे के कारोबार से भारी चल-अचल संपत्ति बनाई है। आरोपित शिवम गुप्ता 212 वसंत विहार इंदिरा नगर का रहने वाला है। चकराता रोड पर उसका दून काफी हाउस के नाम से रेस्टोरेंट और भारी संख्या में वाहन हैं।
आशा खबर / शिखा यादव