यह कहानी हम वर्षो से सुनते और पढ़ते आए है। डॉक्टर चंद्र प्रकाश द्विवेदी की फिल्म ‘सम्राट पृथ्वीराज’ में चंदबरदाई की भूमिका निभाने वाले सोनू सूद ने भी सुनी है। लेकिन इस फिल्म में ऐसा कुछ नहीं था, जैसा हम वर्षों से सुनते और पढ़ते आए हैं। इस फिल्म के रिलीज के काफी समय के बाद जब सोनू सूद की मुलाकात ‘अमर उजाला’ से हुई तो उनसे इस पर बात हुई। सोनू सूद कहते हैं, ‘मैंने भी चंदबरदाई वाली कविता सुनी है। मैंने फिल्म के निर्देशक डॉ. चंद्र प्रकाश द्विवेदी से इसका जिक्र किया तो उन्होंने कहा कि इस तरह की कई बातें अलग अलग लेख में उपलब्ध हैं। हम थोड़ा ‘अलग’ करते हैं।’
सोनू सूद बताते हैं, ‘डॉक्टर साहब इतिहास के काफी जानकार हैं। उनको मैंने कहा था कि ‘मत चूके चौहान’ वाली बात काफी लोगों को पता है, अगर ऐसा फिल्म में रहे तो लोग उसे ज्यादा कनेक्ट करेंगे। लेकिन उनका कहना था कि मैंने पृथ्वीराज चौहान के बारे में ज्यादा शोध किया है जिसमें ‘मत चूके चौहान’ वाली बात हर जगह नहीं मिलती है। उन्होंने अपने हिसाब से कहानी को पेश किया। फिल्म के वह निर्देशक थे। हम तो अपनी बात रख सकते थे। मुझे अब भी ऐसा लगता है कि अगर ‘मत चूके चौहान’ वाली बात फिल्म में होती तो दर्शक उससे ज्यादा कनेक्ट करते।’
दक्षिण भारतीय फिल्मों में सोनू सूद का बहुत बड़ा नाम रहा है। इन दिनों कहा जा रहा है कि साउथ की फिल्में बॉलीवुड पर हावी हो रही हैं। सोनू सूद का मानना है कि दक्षिण भारतीय फिल्में दर्शकों की पसंद का काफी ख्याल रखती है। वह कहते हैं, ‘साउथ के मेकर्स आम दर्शकों की पसंद को ध्यान में रखकर सिनेमा बना रहे है, इसलिए उनकी फिल्में चल रही हैं। जब तक हम ऐसी फिल्में नहीं बनाएंगे तब तक इस बात का रोना हमेशा रहेगा कि हमारी फिल्में नहीं चल रही हैं।’
आशा खबर / शिखा यादव