श्री देव सुमन उत्तराखण्ड राज्य विश्वविद्यालय के कुलसचिव केआर भट्ट एवं एसएमजेएन कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा के मध्य विश्वविद्यालय की 21 अगस्त को आयोजित होने वाली प्रस्तावित बी.एड. प्रवेश परीक्षा के सन्दर्भ में कॉलेज में गहन चर्चा हुई। जिस पर प्राचार्य ने सहयोग देने की सहमति व्यक्त की।
इसी क्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव केआर भट्ट ने अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद, मां मंशा देवी मन्दिर ट्रस्ट व कॉलेज प्रबन्ध समिति अध्यक्ष रविन्द्र पुरी महाराज से चरण पादुका स्थल पहुंचकर भेंट की। इस अवसर पर रविन्द्र पुरी महाराज ने कहा कि उत्तराखंड के दूरस्थ क्षेत्रों में जहां आस-पास कोई स्कूल अथवा शिक्षण संस्थान की व्यवस्था नहीं है, वहां रहने वाले बच्चों को शिक्षा उनके घर में उपलब्ध कराने के लिए एक नवीन पहल का प्रारम्भ किया जायेगा।
उन्होंने कहा कि दूरस्थ क्षेत्रों, स्लम बस्तियों के ऐसे बच्चे चाहे वह लड़की हो अथवा लड़का, जो स्कूल नहीं जा पाते हैं उनको शिक्षा हेतु मोबाइल शिक्षण वैन का प्रयोग किया जायेगा। इसका प्रत्येक 15 किलोमीटर के दायरे में एक केन्द्र उत्तराखण्ड सरकार के सहयोग से बनाया जायेगा। उन्होंने कहा कि पढ़े भारत-बढ़े भारत की तर्ज पर पढ़े उत्तराखण्ड-बढ़े उत्तराखण्ड का आयोजन किया जाना चाहिए। इसके लिए शिक्षा की घर-घर अलख जगायी जाने की आवश्यकता है।
कुलसचिव केआर भट्ट ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा का विकास प्रत्येक मायने में तेजी से हो रहा है, जिसका उदाहरण अभी हाल ही में उत्तराखण्ड नई शिक्षा नीति लागू करने वाला देश का पहला राज्य बना है, जो उत्तराखण्ड वासियों के लिए गर्व की बात है।
कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने कहा कि स्वस्थ व सफल शिक्षा व्यवस्था के लिए मजबूत प्राथमिक शिक्षा रूपी नींव आवश्यक है। डॉ. बत्रा ने कहा कि भिक्षा नहीं शिक्षा कार्यक्रम के तहत भिक्षावृत्ति में लगे बच्चों को अपना जीवन सुधारने का मौका मिल रहा है तथा बच्चों का भविष्य संवार कर इन्हें अपराधमुक्त एवं नशामुक्त समाज की ओर अग्रसर किया जा रहा है।
आशा खबर / शिखा यादव