असम में बाढ़ ने तबाही मचा दी है। बाढ़ के कारण लोगों का जीना मुहाल हो चुका है। राज्य के 34 जिलों में से 22 जिले के 2095 गांवों में सात लाख 19 हजार से अधिक लोग प्रभावित हैं । इन 7 लाख 19 हजार 425 में से 1 लाख 41 हजार बच्चे प्रभावित हुए हैं। प्रभावितों तक जरूरत की चीजों को पहुंचाने एवं उनकी सहायता करने के लिए खुद की परवाह किये बगैर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता दिन-रात सेवा कार्य कर रहे हैं। जानकारी के मुताबिक विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता प्रभावितों तक पीने का पानी, भोजन, राशन, दवाई समेत अन्य जरूरत की चीजों को पहुंचा रहे हैं। इस मुहिम में राज्य भर में 187 कार्यकर्ता लगें हैं जिसमें लगभग दो दर्जन छात्रा कार्यकर्ता शामिल हैं।
अभी तक 2200 से अधिक परिवारों तक राशन सामग्री पहुंचाया जा चुका है, जिसमें नागांव 220 परिवार, होजाई में 1370, मोरी गांव में 200, हइलकांडी में 300 सिल्चर में110 परिवारों तक राशन, दवाई, पीने के पानी समेत अन्य जरूरत की चीजों को पहुंचाया जा चुका है। अभाविप के क्षेत्रीय संगठन मंत्री नीरव घेलानी ने कहा कि इस आपद काल में परिषद का एक-एक कार्यकर्ता बाढ़ पीड़ित परिवार के साथ है। सेवा परिषद का संकल्प है। उन्होंने बताया कि परिषद के कार्यकर्ता प्रभावित परिवारों की सेवा और सहायता में लगे हुए हैं। हमारी कोशिश है कि अधिकतम परिवारों तक राहत पहुंचाया जा सके।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार अभी तक 24 लोगों की मौत हो चुकी है जिसमें 19 की मृत्यु बाढ़ के कारण और पांच की जान भूस्खलन की घटनाओं में हुई है। अधिकारियों के मुताबिक सात लाख से अधिक परिवार बाढ़ प्रभावित हैं। जिला स्तर की बात करें तो अकेले नगांव जिले में लगभग ,45,838 लोग, कछार में 2,29,275, होजई में58,393, मोरी गांव में 38,538, दरांग जिले में 28001 और करीमगंज में 16,382 लोग प्रभावित हुए हैं। बाढ़ ने 95,473 हेक्टेयर से अधिक फसलों को भी नुकसान पहुंचाया है। हालांकि स्थिति में लगातार सुधार हो रही है।