सावन का सोमवार होने की वजह से शहर के त्रिपोलिया मंदिर में रात को पूजा अर्चना चल रही थी, तभी सरकार विरोधी नारेबाजी करते हुए सरपंच मन्दिर पहुंचे। लोगों को तब तक माजरा समझ नहीं आया यह हो क्या रहा है। मन्दिर के पुजारी व सेवादार भी घबरा गए ये कौन लोग अचानक आ गए। आगे-आगे सरपंच और पीछे-पीछे पुलिस का पूरा लवाजमा। सरपंच मंदिर के अंदर पहुंचे और भोलेनाथ को अपनी मांगों का ज्ञापन सौपा। फिर नारेबाजी करते हुए वापस लौट गए। तब जाकर आमजन को माजरा समझ आया।
दअरसल कलेक्ट्रेट के महल चौक परिसर में गांव की सरकार कलेक्टर चेंबर के बाहर सात घंटे तक बैठी रही। ज्ञापन देने जिलेभर से आए सरपंच व कलेक्टर के बीच दिनभर गतिरोध चलता रहा। सरपंच चाहते थे कलेक्टर वहां आकर ज्ञापन ले। इस स्वाभिमान की लड़ाई में दोनों के बीच गतिरोध चलता रहा। कई अधिकारियों ने समझाइश का प्रयास भी किया लेकिन सफलता नही मिली। जिसके विरोध में देर रात सरपंच संघ के बैनर तले सभी सरपंच मंदिर पहुंचे और भोलेनाथ को ज्ञापन दिया। इस दौरान उन्होंने ज्ञापन में बताया कि सरपंच संघ सीएम के नाम कलेक्टर को ज्ञापन देने आए थे। इनमें प्रमुख रूप से नागौर में पंचायती राज मंत्री रमेश मीणा द्वारा सरपंचों के खिलाफ की गई टिप्पणी का विरोध व मंत्री के इस्तीफे की मांग, एनजीओ से ऑडिट बंद करवाने, सरपंचों का मानदेय बढ़ाने, नरेगा का बकाया भुगतान करने टेंडर प्रक्रिया तीन कोटेशन से सामग्री खरीद की अनुमति के संशोधित आदेश जारी करने सहित 36 मांगे शामिल थी। इस अवसर पर सरपंच जिला अध्यक्ष अशोक यादव, प्रभारी राम प्रसाद बेरवा,वीर सिंह बंबोली, एडिशनल एसपी सरिता सिंह, श्रीमन मीना, एसडीएम प्यारेलाल सुठवाल सहित अनेक सरपंच और अधिकारी मौजूद रहे।
आशा खबर / शिखा यादव