पोप फ्रांसिस 13 से 15 सितंबर तक कजाकिस्तान की यात्रा पर जाएंगे। जहां वह रूसी आर्थोडॉक्स चर्च के नेता पैट्रिक आर्क किरिल से मुलाकात कर सकते हैं। किरिल ने यूक्रेन पर रूस के हमले को सही ठहराया था।
रूस का पैट्रिक आर्क एक पदवी है, जो रूस के बिशप को दी जाती है। वेटिकन ने कहा कि 85 वर्षीय फ्रांसिस कजाकिस्तान की राजधानी नूर-सुल्तान में एक अंतर धार्मिक सम्मेलन में भाग लेंगे। फ्रांसिस ने जून में यरूशलम में किरिल के साथ तय एक बैठक को रद्द कर दिया था, क्योंकि इसके कूटनीतिक नतीजे हो सकते थे। किरिल ने आध्यात्मिक और वैचारिक आधार पर आक्रमण को उचित ठहराया था और इसे पश्चिम के साथ मेटाफिजिकल लड़ाई करार दिया था। उन्होंने युद्ध में जाने वाले सैनिकों को आशीर्वाद दिया था और इस विचार का आह्वान किया कि रूसी और यूक्रेनी एक ही लोग हैं।
इससे पहले पोप फ्रांसिस और किरिल की पहली मुलाकात वर्ष 2016 में हवाना में हुई थी। युद्ध शुरू होने के बाद से दोनों के बीच एक बार वीडियो कॉल से बात हो चुकी है। कजाकिस्तान सरकार 14-15 सितंबर से विश्व और पारंपरिक धर्मों के नेताओं के कांग्रेस की मेजबानी कर रही है। किरिल को भी इसमें आमंत्रित किया गया है।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल