इस आधार पर अब इस वर्ष होने वाले प्रमोशन के लिए तैयार की गई ज्येष्ठता सूची में इन समीक्षा अधिकारियों को शामिल कर दिया गया है। ऐसे में प्रमोशन होते ही तमाम वरिष्ठ समीक्षा अधिकारी अपने मातहत रहे समीक्षा अधिकारियों से भी जूनियर हो जाएंगे
सचिवालय प्रशासन विभाग में प्रमोशन में 6 साल पहले हुई अनियमितता का असर इस बार होने वाले प्रमोशन के बाद दिखेगा। जल्द ही करीब 250 समीक्षा अधिकारियों का अनुभाग अधिकारी के पद पर प्रमोशन होने वाला है। इसमें करीब 144 ऐसे हैं, जिन्हें 2016 में गलत तरीके से बैक डेट से प्रमोशन दे दिया गया है।
इस आधार पर अब इस वर्ष होने वाले प्रमोशन के लिए तैयार की गई ज्येष्ठता सूची में इन समीक्षा अधिकारियों को शामिल कर दिया गया है। ऐसे में प्रमोशन होते ही तमाम वरिष्ठ समीक्षा अधिकारी अपने मातहत रहे समीक्षा अधिकारियों से भी जूनियर हो जाएंगे। वरिष्ठता प्रभावित होने से नाराज समीक्षा अधिकारियों ने जहां लिखित में आपत्तियां दर्ज कराना शुरू कर दिया है, वहीं उनका यह भी कहना है कि अगर अधिकारी इस विसंगति को दूर नहीं करते हैं तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएंगे।
दरअसल, पूरा विवाद जुलाई 2016 में प्रमोशन पाने वाले 144 सहायक समीक्षा अधिकारियों को आवंटित चयन वर्ष को लेकर है। आरोप है कि सचिवालय प्रशासन के अधिकारियों ने इन अधिकारियों को प्रमोशन देने के लिए 30 जून 2016 को अधियाचन भेजा और उसी दिन उप्र लोकसेवा आयोग में डीपीसी की बैठक भी हो गई। लेकिन, आयोग द्वारा डीपीसी की संस्तुति 8 जुलाई को दी जाती है और सचिवालय प्रशासन द्वारा 13 जुलाई 2016 को प्रमोशन का आदेश जारी होता है।
इसलिए नियमानुसार प्रमोशन पाने वाले सभी सहायक समीक्षा अधिकारियों को 2016-17 चयन वर्ष आवंटित होना चाहिए था। लेकिन, अधिकारियों ने नियमों को ताक पर रखकर इनको बैक डेट से समीक्षा अधिकारी के पद पर प्रमोशन देते हुए चयन वर्ष 2015-16 दे दिया। इस प्रकार की अनियमितता का असर 2014 बैच के सहायक समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता पर पड़ रहा है।
उनका कहना है कि बैक डेट से प्रमोशन पाने और गलत चयन वर्ष पाने वाले 144 समीक्षा अधिकारियों को भी 2013 बैच के अधिकारियों के वरिष्ठता सूची में शामिल कर दिए जाने से 2014 बैच के समीक्षा अधिकारी उनसे जूनियर हो जाएंगे। इस विसंगति को दूर करने के बजाय सचिवालय प्रशासन विभाग उनको फिर से प्रमोशन देने की तैयारी कर रहा है।
इस प्रकार की गई नियमों की अनदेखी
नियमानुसार उप्र सचिवालय प्रशासन में पदोन्नति के आदेश की तिथि व चयन वर्ष जून से जुलाई के बीच निर्धारित की जाती है। इसी आधार पर ज्येष्ठता सूची भी तय की जाती है। अर्थात किसी किसी कर्मचारी को यदि पदोन्नति का आदेश 30 जून 2016 को जारी होता है तो उस कर्मचारी को 2015-16 चयन वर्ष दिया जाएगा।
वहीं यदि कर्मचारी का प्रोन्नति आदेश 1 जुलाई 2016 को यानि एक दिन बाद जारी होता है तो उस कर्मचारी को 2016-17 चयन वर्ष दिया जाएगा। लेकिन, ताजा मामले में इस नियम को ताक पर रख दिया गया और 144 सहायक समीक्षा को अधिकारियों को बैक डेट से प्रमोशन देते हुए चयन वर्ष 2016-17 के स्थान पर 2015-16 आवंटित कर दिया गया। जबकि विशेष तौर पर कोर्ट के आदेश या नोशनल पदोन्नति के मामले में ही बैक डेट से प्रमोशन देने का प्रावधान है।