दिगम्बर अखाड़ा महंत श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के अगुवा सन्त रामचंद्र दास परमहंस की समाधि स्थल पर उनकी पुण्यतिथि पर रामनगरी के संत-महंतों के साथ प्रबुद्ध जनों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 31 जुलाई को दिगम्बर अखाड़ा में आयोजित समारोह में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ संतों के साथ श्रद्धांजलि समारोह में उपस्थित होंगे।
श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन में महन्त रामचंद्र दास परमहंस के सहयोगी रहे वशिष्ठ पीठाधीश्वर पूर्व सांसद डॉ. रामविलास दास वेदांती ने इस अवसर पर कहा कि महंत रामचंद्र दास परमहंस ने राम जन्मभूमि की लड़ाई लड़ी थी , उन्ही के नेतृत्व में ही विवादित ढांचा गिराया गया था। जिसके बाद आज भव्य मंदिर का निर्माण हो रहा है। आज यहां पर आने के बाद याद आया कि जब 19 वर्ष पहले परमहंस दास की चिता जल रही थी, तो उस समय तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई और उप प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी यहां पर आए थे और कहा था कि एक न एक दिन हम सभी को जाना है।
लेकिन हमारे पार्टी में एक ऐसा नेता आएगा जो भगवान के इस भव्य मंदिर निर्माण कार्य को पूरा करेगा। अयोध्या के विकास को लेकर भी कार्य किए जा रहे हैं। वहीं केंद्र और प्रदेश सरकार से मांग करते हुए उन्होंने कहा कि भव्य मंदिर निर्माण के साथ सरयू तट स्थित महंत परमहंस दास की समाधि स्थल को भी पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जाए।इस अवसर पर समाधि स्थल प्रबन्धक महन्त रामचंद्र दास परमहंस के शिष्य आचार्य नारायण मिश्र ने समारोह में आए सभी लोगों का स्वागत किया ।
आशा खबर / शिखा यादव