हिन्दुत्व की रक्षा के लिए अब जागरूक होना होगा। सभी हिन्दुओं को जातिगत और दलगत भावना से ऊपर उठकर सनातन धर्म की रक्षा एवं समाज व राष्ट्रहित के लिए एकता के साथ एकसूत्र में बंधना होगा। यह बात ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठपीठ-पुरीपीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती ने कही। वह अपने दो दिवसीय लखनऊ प्रवास पर बुधवार को एस.आर. ग्रुप के चेयरमैन एवं सीतापुर के एमएलसी पवन सिंह चौहन के जानकीपुरम स्थित आवास पर आमंत्रित थे। महाराज जी ने पहले प्रातः नारायण पादुका का पूजन किया, जिसमें उनके सहयोगी दांडी जी, सुरेश सिंह, प्रेम चंद्र झा के साथ सुबह अध्यायतम पर प्रश्नोत्तरी का आयोजन भी हुआ। कार्यक्रम में काफी संख्या में भक्तगणों ने भाग लिया। धर्मसभा में सभी भक्तगण से ऋग्वेदीय पूर्वाम्नाय श्रीगोवर्धनमठपीठ-पुरीपीठाधीश्वर जगद्गुरू शंकराचार्य स्वामी निश्चलानंद सरस्वती से प्रश्न कर अपनी जिज्ञासाएं शांत की।
हिन्दू धर्म, राष्ट्र और जीवन जैसे विषय पर भक्तों ने प्रश्न किए। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि जिसने जन्म लिया है उसकी मृत्यु निश्चित है और मृत्यु के बाद पुनर्जन्म भी निश्चित है। अतः अपने अपरिहार्य कर्तव्यपालन में तुम्हें शोक नहीं करना चाहिए।
उन्होंने श्रीमद्भगवत गीता के एक श्लोक ‘नैनं छिन्दन्ति शस्त्राणि नैनं दहति पावकः। न चैनं क्लेदयन्त्यापो न शोषयति मारुतः।।‘ के भाव को बड़े ही विस्तृत ढंग से समझाया। यह आत्मा न तो कभी शस्त्र द्वारा खण्डित की जा सकती है, न अग्नि द्वारा जलाई जा सकती है और न जल द्वारा भिगोया या वायु द्वारा सुखाया जा सकता है। आत्मा अमर है। इसी तरह सभी भक्तों ने अपने-अपने प्रश्न किये और महाराज जी ने सभी भक्तों के प्रश्नों के उत्तर दिए। इस कार्यक्रम में पूर्व उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, पूर्व विधायक रामपाल यादव, बीकेटी विधायक योगेश शुक्ल, बीकेटी चेयरमैन अरुण कुमार सिंह, जिला पंचायत अध्यक्ष शिवकुमार गुप्ता (प्रतिनिधि) सहित अन्य लोगों ने धर्म के व्याख्यान को सुना और धारण किया। एमएलसी पवन सिंह चौहान ने आये हुए सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया।