महाधिवक्ता कार्यालय में आग लगने के मामले में तीन विभागों के 12 से अधिक अधिकारियों को जिम्मेदार माना गया है। शासन को भेजी गई जांच रिपोर्ट में इनके खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति कर दी गई है। जांच कमेटी की संस्तुति के आधार पर भवन का निर्माण करने वाली कार्यदायी संस्था सीएंडडीएस, लोक निर्माण निर्माण खंड एक, विद्युत यांत्रिक खंड एवं फायर सर्विस के चिह्नित किए गए अफसरों पर गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
शासन को भेजी गई 200 से अधिक पन्नों की रिपोर्ट में विभागवार हर फ्लोर के अलग-अलग कार्यों और खामियों का विस्तार से जिक्र किया गया है। चूंकि आग शार्ट सर्किट से लगी थी, ऐसे में विद्युत से संबंधित उपकरणों की बिंदुवार जांच की गई।
पता चला है कि शार्ट सर्किट से आग लगने के बाद एमसीबी तक ट्रिप नहीं की। कई जगहों पर मानक के अनुरूप एमसीबी नहीं लगी थी। एमसीबी खराब भी मिली। इसमें विद्युत पैनल के नीचे जलभराव की शिकायत पाई गई तो बेतरतीब तरीके से तार मिले। इतना ही नहीं मानक के अनुरूप अर्थिंग की भी व्यवस्था नहीं थी। केबिल टेंच में पानी भराव, स्विच बोर्ड उखड़े होने समेत अनेक खामियां पाईं गईं।
इसके अलावा फायर बिग्रेड के उपकरणों ने भी धोखा दे दिया। वे चले ही नहीं। इसकी वजह से आग पर काबू पाने में समय लगा। डीएम संजय कुमार खत्री ने जांच रिपोर्ट के बारे में कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया। लेकिन, उन्होंने इतना जरूर कहा कि कई स्तर पर कमी पाई गई हैं। इस आधार पर संबंधित विभाग के जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ कार्रवाई की संस्तुति की गई है।
नहीं चले जनरेटर
कार्यालय के भूतल में अधिक क्षमता के दो जनरेटर लगे हैं। सूत्र के अनुसार वे जनरेटर कभी चले ही नहीं।
रिपोर्ट में सुझाव भी शामिल
रिपोर्ट में खामियों की ओर ध्यान दिलाने और कार्रवाई की संस्तुति के अलावा सुझाव भी दिए गए हैं। अफसर इस बारे में कुछ बोलने से तो बच रहे हैं, लेकिन उनका इतना जरूर कहना है कि मानक के अनुसार निर्माण सुनिश्चित करने केसाथ उपकरणों के रखरखाव एवं समय-समय मॉक ड्रिल पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। इस रिपोर्ट में विद्युत के उपकरण कैसे लगने चाहिए, वायरिंग के समय किन बातों का ध्यान रखा जाए, आग बुझाने की कैसी व्यवस्था हो जैसे बिंदुओं पर विस्तार से सुझाव दिए गए हैं।
पांच फ्लोर तक इसी सप्ताह काम शुरू होने की उम्मीद
महाधिवक्ता कार्यालय के पांचवें फ्लोर तक सफाई हो चुकी है। अब वायरिंग, पेयजल आपूर्ति, सुरक्षा के इंतजाज समेत अन्य काम कराए जा रहे हैं। डीएम का कहना है कि तीन से चार दिनों में उसमें काम शुरू होने की उम्मीद है। इसके अलावा छठवें एवं इससे ऊपर के तलों पर सफाई समेत अन्य काम भी शुरू हो गए हैं।
आशा खबर / शिखा यादव