दिल्ली के कड़कड़डूमा कोर्ट के एडिशनल सेशंस जज अमिताभ रावत आज (शनिवार) दिल्ली हिंसा के आरोपित शरजील इमाम की राजद्रोह के मामले में दायर जमानत याचिका पर फैसला सुनाएंगे। कोर्ट ने 6 जून को फैसला सुरक्षित रख लिया था।
इससे पहले 30 मई को कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था। दरअसल दिल्ली हाई कोर्ट ने शरजील को ट्रायल कोर्ट में जमानत याचिका दायर करने की अनुमति दी थी। याचिका में राजद्रोह के मामले में सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को आधार बनाया गया है। सुप्रीम कोर्ट ने राजद्रोह के मामलों में केस दर्ज नहीं करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा था कि केंद्र सरकार जब तक राजद्रोह के मामले पर दोबारा विचार करेगी तब तक इस मामले में कोई नई एफआईआर दर्ज नहीं की जाएगी। राजद्रोह के मामले के आरोपित अदालतों में याचिका दायर कर जमानत की मांग कर सकते हैं।
इस मामले में शरजील इमाम ने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी। हाई कोर्ट में सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से स्पेशल पब्लिक प्रोसिक्यूटर अमित प्रसाद ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश के मुताबिक भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए के तहत जमानत के लिए पहले ट्रायल कोर्ट जाना होगा। अगर ट्रायल कोर्ट से जमानत याचिका खारिज होती है तो उसके बाद ही हाई कोर्ट में अपील की जा सकती। तब शरजील के वकील तनवीर अहमद मीर ने याचिका वापस ले ली थी।
उल्लेखनीय है कि 11 अप्रैल को कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील की जमानत याचिका खारिज कर दी थी। 24 जनवरी को कोर्ट ने इस मामले में शरजील के खिलाफ दाखिल चार्जशीट पर संज्ञान लिया था। कोर्ट ने राजद्रोह समेत दूसरी धाराओं के तहत आरोप तय करने का आदेश दिया था। चार्जशीट में कहा गया है कि शरजील ने केंद्र सरकार के खिलाफ घृणा फैलाने और हिंसा भड़काने के लिए भाषण दिया। इसकी वजह से दिसंबर 2019 में हिंसा हुई। दिल्ली पुलिस ने कहा कि नागरिकता संशोधन कानून के विरोध की आड़ में गहरी साजिश रची गई थी। इस कानून के खिलाफ मुस्लिम बहुल इलाकों में प्रचार किया गया।प्रचारित किया गया कि मुस्लिमों की नागरिकता चली जाएगी।उन्हें डिटेंशन कैंप में रखा जाएगा। शरजील को बिहार से गिरफ्तार किया गया था।
आशा खबर / शिखा यादव