नमामि गंगे योजना में भ्रष्टाचार का आरोप इस बार जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने
लगाया है। योजना में गड़बड़झाले के पहले भी गंभीर आरोप लगे हैं। 24 मई को सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने विधानसभा के प्रश्न प्रहर में पूछा कि 2017 से 2022 के बीच नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति में कितनी राशि का व्यय किया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना में 17411 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।
नमामि गंगे योजना में समय-समय पर भ्रष्टाचार के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन, इस बार भाजपा के ही मंत्री ने यह आरोप लगाकर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस योजना को लेकर कई जिलों में कई बार जांच शुरू करने की भी मांग की गई तो पीएम तक को पत्र लिखे गए।
जल शक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक ने इस योजना में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है। उधर, इस योजना में गड़बड़झाले के पहले भी गंभीर आरोप लगे हैं। 24 मई को सपा विधायक रविदास मेहरोत्रा ने विधानसभा के प्रश्न प्रहर में पूछा कि 2017 से 2022 के बीच नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति में कितनी राशि का व्यय किया गया? उन्होंने आरोप लगाया कि इस योजना में 17411 करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है।
जानबूझ कर ऐसी कंपनी को करोड़ों का ठेका दे दिया गया जो नौ राज्यों उड़ीसा, पंजाब, छत्तीसगढ़, जम्मू-कश्मीर आदि के साथ ही भारतीय सेना द्वारा ब्लैकलिस्ट की जा चुकी है। हालांकि दूसरे जल शक्ति राज्य मंत्री ने जवाब देते हुए इसे गलत बताया पर इस तरह के अन्य आरोप भी लगे। आम आदमी पाटी के सांसद संजय सिंह ने तो इस योजना में तीस हजार करोड़ के घोटाले का आरोप लगाया था।
उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में थर्ड पार्टी इंस्पेक्शन के नाम पर करोड़ों का खेल किया गया। हालांकि इस बाबत परियोजना के प्रमुख सचिव ने उन्हें लीगल नोटिस भी भेजा। इसके अलावा घाटों के निर्माण में गड़बड़ी, सीवरेज प्रोजेक्ट में धन की बंदरबांट, घटिया पाइप की आपूर्ति, बढ़े दामों पर टेंडर करना, हर घर जल योजना में भी घोटाले के समय-समय पर लगे आरोप लगते रहे।
आशा खबर /शिखा यादव