बीते दिनों केरल में भी मंकीपॉक्स का मरीज मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्कता के निर्देश दिए हैं। उत्तर प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है।
प्रदेश में मंकीपॉक्स को लेकर अलर्ट जारी किया गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सीमावर्ती जिलों में विशेष निगरानी के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य महानिदेशालय इस संबंध में सोमवार को गाइडलाइन भी जारी करेगा। करीब चार माह से दुनियाभर में मंकीपॉक्स के मरीज मिल रहे हैं।
बीते दिनों केरल में भी मंकीपॉक्स का मरीज मिलने के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों को सतर्कता के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएमओ को लक्षण वाले मरीजों की जानकारी देने और सैंपल कलेक्शन की तैयारी रखने के निर्देश दिए हैं। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि जहां भी विदेश यात्रा से कोई लौटा हो उसे अन्य लोगों से अलग रहने के लिए कहा जाए। यदि विदेश से लौटने वालों में लक्षण हैं तो उसकी तत्काल जांच कराई जाए। यदि विदेश यात्रा से लौटने वाला व्यक्ति मंकीपॉक्स संक्रमित किसी मरीज के संपर्क में आया है और उसमें लक्षण हैं तो उसे तत्काल आइसोलेट करने के निर्देश दिए गए हैं।
मंकीपॉक्स प्रभावित देशों से लौटने वालों की 21 दिन तक निगरानी भी करने को कहा गया है। जिला अस्पतालों के साथ सभी सीएचसी में भी सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था के निर्देश दिए गए हैं। आशा एवं एएनएम कार्यकर्ता को भी लक्षण की जानकारी देने के निर्देश दिए गए हैं। राज्य सर्विलांस अधिकारी डॉ. विकाशेंदु अग्रवाल ने बताया कि गाइडलाइन तैयार कर ली गई है। जल्द ही इसे जारी कर दिया जाएगा।
लोहिया संस्थान के मेडिसिन विभागाध्यक्ष डॉ. विक्रम सिंह ने बताया कि मंकीपॉक्स संक्रमित व्यक्ति को बुखार के साथ शरीर पर चकत्ते पड़ जाते हैं। यह वायरस कटी-फटी त्वचा, सांस नली या म्यूकोसा (आंख, नाक या मुंह) से शरीर में प्रवेश करता है। यह जानवरों से मानव में अथवा एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है। अब ज्यादातर लोग मास्क का प्रयोग कर रहे हैं। ऐसे में यहां मंकीपॉक्स अधिक प्रभावी होने की उम्मीद नहीं है। फिर भी हर स्तर पर सावधानी जरूरी है।