श्रीलंका की संसद को आज (शनिवार) आधिकारिक तौर पर सूचित किया गया कि राष्ट्रपति का पद रिक्त है। संसद की महासचिव धम्मिका दासनायके ने सदन में गोटाबाया राजपक्षे का त्यागपत्र पढ़ा। उन्होंने सदन को बताया कि राष्ट्रपति का पद खाली है।
देश में संवैधानिक स्थिति को स्पष्ट करने के लिए संसद का विशेष सत्र आहूत किया गया है। श्रीलंका को नया राष्ट्रपति 20 जुलाई को मिलने की उम्मीद है। देश में जारी उथल-पुथल के बीच गोटबाया राजपक्षे श्रीलंका से जा चुके हैं। उनके इस्तीफे के मद्देनजर 1978 के बाद पहली बार देश के अगले राष्ट्रपति का चुनाव जनता के वोट के माध्यम से नहीं, बल्कि सांसदों के गुप्त मतदान से होगा।
स्पीकर महिंदा यापा अभयवर्धने ने कहा कि 225 सदस्यीय संसद 20 जुलाई को गुप्त मतदान से नए राष्ट्रपति का चुनाव करेगी। श्रीलंका में 1978 के बाद से कभी भी संसद ने राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान नहीं किया। साल 1982, 1988, 1994, 1999, 2005, 2010, 2015 और 2019 में जनता के वोट से राष्ट्रपति का चुनाव हुआ है। केवल एक बार 1993 में राष्ट्रपति पद मध्यावधि में खाली हुआ था, जब राष्ट्रपति रणसिंघे प्रेमदासा की हत्या कर दी गई थी। प्रेमदासा के बाकी कार्यकाल के लिए संसद ने डीबी विजेतुंगा को सर्वसम्मति से राष्ट्रपति चुना था। नए राष्ट्रपति नवंबर 2024 तक गोटबाया राजपक्षे के शेष कार्यकाल तक पद पर रहेंगे।