मानसून की ट्रफ रेखा बराबर कानपुर परिक्षेत्र से दूर बनी हुई है। इससे मानसूनी बारिश नहीं हो पा रही है और लोग उमस भरी गर्मी से परेशान हो रहे हैं। यही नहीं कृषि कार्य भी प्रभावित हो रहा है। मौसम वैज्ञानिकों का कहना है जलवायु परिवर्तन होने से मानसून कमजोर हो रहा है। फिलहाल बारिश की संभावना बहुत कम है और 20 जुलाई के बाद तेज बारिश के आसार बन रहे हैं।
चन्द्रशेखर आाजद कृषि प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के मौसम वैज्ञानिक डॉ एस एन सुनील पाण्डेय ने मंगलवार को बताया कि कानपुर सहित पूर्वी उत्तर प्रदेश का हिस्सा इस बार बारिश की किल्लत से जूझ रहा है। वैज्ञानिक विश्लेषण के अनुसार जो दौर चल रहा है यह मानसून की असामान्य प्रवृत्ति है। इसके पीछे जलवायु परिवर्तन काफी हद तक जिम्मेदार है। इस बार मानसून की दो शाखाओं की प्रवृत्ति दो तरह की है। एक शाखा अरब सागर की ओर से महाराष्ट्र व देश के अन्य हिस्सों में बारिश कराती है। वहीं दूसरी शाखा बंगाल की खाड़ी की ओर से झारखंड के छोटा नागपुर होते हुए बिहार और उत्तर प्रदेश की ओर जाती है। उत्तर प्रदेश की ओर जाने वाली शाखा इन दिनों बहुत ही कमजोर चल रही है। पूर्वानुमान है कि अभी इस सप्ताह बारिश की संभावना नहीं दिख रही है और 20 जुलाई से मौसमी मॉडल से बारिश के आसार दिख रहे हैं।
आशा खबर / शिखा यादव