अमरनाथ की पवित्र गुफा के पास शुक्रवार शाम बादल फटने से आए सैलाब में अभी तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है। इस दौरान कम से कम 40 श्रद्धालु लापता बताए जा रहे हैं। 50 श्रद्धालु घायल हैं जबकि तीन की हालत गंभीर है। बाढ़ के पानी में कम से कम 25 टेंट बह गए हैं। घायलों को एयर लिफ्ट किया जा रहा है। पवित्र गुफा के पास फंसे अब तक लगभग 15,000 श्रद्धालुओं को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना में मरने वाले 16 श्रद्धालुओं में से पांच की पहचान मोहन लाल बदावा पुत्र राज कुमार बधावा निवासी गंगानगर (राजस्थान), सुशील खत्री पुत्र बधराज निवासी गंगानगर (राजस्थान), सुनीता बधावा पत्नी मोहन लाल बधावा निवासी गंगानगर (राजस्थान), परकाशी पत्नी जय नारायण निवासी मधागीर अंबेडकर नगर (दिल्ली) और विरमति पत्नी बालकृष्ण निवासी अंबेडकर नगर मंदनगर (दिल्ली) के रूप में हुई है। अभी तक 11 श्रद्धालुओं की पहचान नहीं हो सकी है।
घाटी में पूरी रात हल्की बारिश हुई है, जो शनिवार को भी जारी है। बारिश के बीच एनडीआरएफ, एसडीआरएफ समेत आपदा प्रबंधन से जुड़ी तमाम एजेंसियां रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं। इस दौरान श्रद्धालुओं को ढूंढने के लिए खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया जा रहा है। प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक 30 जून को शुरू हुई तीर्थयात्रा को त्रासदी के बाद स्थगित कर दिया गया है और बचाव अभियान खत्म होने के बाद इसे फिर से शुरू करने पर फैसला किया जाएगा। उन्होंने कहा कि शुक्रवार शाम को आई बाढ़ के कारण पवित्र गुफा तीर्थ क्षेत्र के पास फंसे अधिकांश तीर्थयात्रियों को पंजतरणी में स्थानांतरित कर दिया गया है। इसी बीच, चिनार कॉर्प्स कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एडीएस औजला अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से प्रभावित इलाकों में पहुंचे और राहत एवं बचाव कार्य का जायजा लिया।
अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की घटना शुक्रवार की शाम करीब साढ़े पांच बजे हुई थी। बादल फटने के कारण अचानक बाढ़ आ गई। बाढ़ के कारण पहाड़ से पानी के बहाव के साथ आई मिट्टी और पत्थर में कम से कम 25 टेंट और तीन लंगर बह गए थे। इस घटना में अभी तक 16 श्रद्धालुओं की मौत हो चुकी है जबकि 50 श्रद्धालु घायल हैं और तीन की हालत गंभीर बनी हुई है। घायलों का उपचार अमरनाथ गुफा के करीब पंजतरणी एवं अन्य अस्पतालों में जारी है। सेना के डाक्टर भी मौके पर मौजूद हैं। इस दौरान कम से कम 40 श्रद्धालु अभी भी लापता है।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षा बलों के अलावा पुलिस, एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं। इस कार्य में खोजी कुत्तों का भी सहारा लिया जा रहा है। आपदा प्रबंधन दल यात्रियों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रहे हैं और मलबे से निकल रहे घायलों को एयर लिफ्ट किया जा रहा है।
आशा खबर/रेशमा सिंह पटेल