बिहार और उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती सीवान के दक्षिणांचल क्षेत्र के सिसवन प्रखंड क्षेत्र में सरयू नदी के जलस्तर में वृद्धि के बाद नदी में कटाव तेजी से शुरू हो गया है । इससे नदी के किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों में दहशत है ।
नदी प्रत्येक दिन करीब दो से तीन एकड़ भूमि को अपने आगोश में ले रही है । कटाव के कारण गांव के दर्जनों किसानों के सैकड़ों एकड़ खेती योग्य भूमि नदी में समाहित हो गया है । नदी तबाही मचाने की संभावना पैदा कर दी है । आलम है कि तटबंध से नदी की दूरी महज तीन से चार मीटर रह गई है । जानकारी के अनुसार , कटाव करीब एक हजार मीटर में हो गया है । यदि कटाव नहीं रुका तो तटबंध पर खतरा बढ़ सकता है , इसको लेकर लोगों में भय व्याप्त है ।
स्थानीय लोगों ने बताया कि नदी के कटाव की यही रफ्तार रही तो तीन से चार दिनों के अंदर तटबंध में भी कटाव शुरू हो जाएगा । विगत साल एवं भी साईंपुर , सिसवन व नवकाटोला में कटाव हो रहा था । जहां कटाव हो रहा है उससे पश्चिम की तरफ ठोकर बना हुआ है । नदी की तेज धार ठोकर से टकराकर वहां पर चक्कर काट रही है और इस कारण कटाव हो रहा है । कटाव के कारण तटबंध के किनारे लगाए गए सैकड़ों पेड़ नदी में विलीन हो चुके हैं ।
पानी कम रहते ही अगर विभाग द्वारा कटाव कार्य को ध्यान में रखकर यहां कार्य कराया गया होता तो यह स्थिति उत्पन्न नहीं होती । वहीं , सीओ सतीश कुमार ने बताया कि नदी के तटबंध पर नजर रखी जा रही है । कटाव वाली जगहों पर विभाग द्वारा कटावरोधी कार्य कराया जा रहा हैं ।
यहीं नहीं सरयू नदी के सिसवन प्रखंड क्षेत्र में ही नहीं बल्कि दक्षिणांचल क्षेत्र के दरौली और पश्चिमांचल के गुठनी के दर्जनों गांवों के लोग भयभीत हैं । हालांकि , बुधवार को सरयू नदी के जलस्तर में कुछ कमी देखने को मिली । ग्रामीणों का कहना है कि योगियाडीह , तीरबलुआ के समीप नदी द्वारा कटाव जारी है । इससे कृषि योग्य भूमि नदी में समाहित हो जा रही है । ग्यासपुर के उत्तरी छोर पर कटाव तेज है । इसके अलावा मैरीटार , डुमरहर , केवटलिया , अमरपुर , करमाहा , बरौली समेत दर्जनों गांवों में भी कटाव तेज होने से यहां के लोग भयभीत हैं ।