पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में फिर सेंध लगी है। दो साल में यह तीसरी वाकया है। इस बार रविवार रात उनकी घर की चारदीवारी फांद कर एक शख्स घुस गया।वह घंटों तक सीएम आवास परिसर के अंदर सोता रहा। हैरानी यह है कि सुरक्षाकर्मियों को कानो कान खबर नहीं लगी। कोलकाता पुलिस इसे मुख्यमंत्री की सुरक्षा में ‘भारी चूक’ मान रही है। इसलिए सुरक्षा के लिए जवाबदेह पुलिस अधिकारियों पर गाज गिर सकती है।
कोलकाता पुलिस के आला अधिकारी इस पर कुछ भी साफ-साफ कहने से कतरा रहे हैं। कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (मुख्यालय) शुभंकर सिन्हा सरकार से इस बारे में बातचीत की गई। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री आवास सुरक्षा के इंचार्ज डीसीपी साउथ मिराज खालिद हैं। वही इस बारे में मीडिया को जानकारी दे सकते हैं। इसके बाद डीसीपी खालिद से संपर्क करने की कोशिश की गई। उनका फोन बजता रहा। कोई जवाब नहीं मिला। मैसेज का जवाब भी उन्होंने देना मुनासिब नहीं समझा।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने संपर्क करने पर माना कि ऐसा हुआ है।सुरक्षाकर्मियों ने उसे हिरासत में लिया। कालीघाट पुलिस स्टेशन में उससे लंबी पूछताछ हुई। उसकी बातें सामान्य नहीं थीं। मानसिक तौर पर विक्षिप्त था। उसकी पहचान उत्तर 24 परगना के बसीरहाट के रहने वाले के तौर पर हुई है। उसके परिवार से संपर्क साधा गया तो पता चला कि वह मानसिक तौर पर बीमार है। उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है।
इस बारे में कोलकाता पुलिस आयुक्त विनीत गोयल ने साफ किया है कि मुख्यमंत्री को जेड प्लस श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई है।फरवरी 2021 में कुछ प्रदर्शनकारी आदि गंगा नदी को पारकर सीएम आवास तक पहुंच गए थे। तब सुरक्षा और बढ़ा दी गई थी। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में तैनात अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी और निश्चित तौर पर लापरवाही की सजा भी मिलेगी। इस चूक की उच्चस्तरीय जांच शुरू हो गई है इसकी रिपोर्ट जल्द आएगी।
उल्लेखनीय है कि जेड प्लस श्रेणी सुरक्षा में रहने वालीं ममता बनर्जी के आवास के चारों तरफ सीसीटीवी लगे हैं। इनसे कोने-कोने पर नजर रखी जाती है। कंट्रोल रूम से मॉनिटरिंग होती है। सुरक्षा कर्मचारियों का कड़ा पहरा होता है। इस किलेबंदी को तोड़कर अगर कोई व्यक्ति चारदीवारी फांद कर अंदर घुस जाता है तो इसे लापरवाही तो कहा ही जा सकता है।
आशा खबर /रेशमा सिंह पटेल