बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने राम मंदिर को लेकर विवादित बयान दिया जिसके बाद सियासत तेज हो गई है। एक तरफ बीजेपी नीतीश सरकार पर हमलावर है तो वहीं जदयू ने भी चंद्रशेखर के बयान से खुद को किनारे कर लिया है। इसी के साथ जदयू ने शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर पर हमला बोला है और उन्हें एक नसीहत भी दे दी है।
जदयू के मुख्य प्रवक्ता एवं पूर्व मंत्री नीरज कुमार ने कहा है कि अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण और रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के विरोध का कोई औचित्य नहीं है। यह सब सुप्रीम कोर्ट के न्याय निर्णय के अनुसार हो रहा है। राम हम सबके लिए पूज्य हैं। उनके त्याग और समर्पण से युवा पीढ़ी को प्रेरणा लेनी चाहिए।
नीरज कुमार ने कहा- वह पहले भी अयोध्या जाते रहे हैं। भविष्य में भी वहां जाएंगे। सोमवार को यहां पत्रकारों से बातचीत के दौरान नीरज ने शिक्षा मंत्री डॉ. चंद्रशेखर के उस बयान की आलोचना की, जिसमें कहा गया था कि मंदिर का रास्ता मानसिक गुलामी की ओर ले जाता है।
उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को अपने घर का दरवाजा वैष्णवों के लिए बंद कर देना चाहिए। गांव-गांव में बनी ठाकुरवाड़ी की ओर उन्हें झांकना नहीं चाहिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सरकार सभी धर्मों का सम्मान करती है। राज्य मंत्रिपरिषद से सीतामढ़ी के पुनौराधाम के लिए धन का आवंटन किया जाता है।
‘मस्जिद का निर्माण भव्य ढंग से हो’
श्मशान एवं कब्रिस्तान की घेराबंदी के लिए भी राज्य सरकार धन देती है। उन्होंने कहा है कि अयोध्या से 27 किमी दूर मस्जिद के निर्माण के लिए भी जगह दी गई है। हम चाहते हैं कि मस्जिद का निर्माण भी भव्य ढंग से हो।