जेलेंस्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए ‘शांति सूत्र’का प्रस्ताव रखा।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने रूस पर आक्रामक होने और यूक्रेन में नरसंहार करने का आरोप लगाया। जेलेंस्की ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के 78वें सत्र को संबोधित करते हुए ‘शांति योजना’ का प्रस्ताव रखा। यूएनजीए सत्र को संबोधित करते हुए जेलेंस्की ने दावा किया कि रूस में रहने वाले यूक्रेनी बच्चों को अपनी मातृभूमि से नफरत करना सिखाया जा रहा है।उन्होंने यह भी कहा कि यूक्रेन के नागरिकों के अपने परिवार के सदस्यों के साथ सभी संबंध खत्म किए जा रहे हैं। जेलेंस्की ने कहा, “हम (यूक्रेनी) बच्चों को घर वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन समय बीतता जा रहा है। उनके साथ क्या होगा? रूस में उन बच्चों को यूक्रेन से नफरत करने को कहा जाता है और उनके परिवारों से सारे रिश्ते तोड़ दिए जाते हैं। यह स्पष्ट रूप से नरसंहार है। रूस के साथ युद्ध के बीच शांति योजना को आगे बढ़ाते हुए जेलेंस्की ने कहा कि आधुनिक इतिहास में पहली बार ऐसा हो रहा है, जब एक युद्ध पीड़ित देश के पास अपनी शर्तों पर आक्रामकता को समाप्त करने का मौका है।
आतंकवादियों को परमाणु हथियार रखने का कोई अधिकार नहीं…
रूस पर तीखा हमला करते हुए जेलेंस्की ने कहा कि आतंकवादियों को परमाणु हथियार रखने का कोई अधिकार नहीं है। उन्होंने कहा कि रूस कई अन्य चीजों को हथियार बना रहा है और उन चीजों का इस्तेमाल न सिर्फ यूक्रेन बल्कि यूएनजीए के अन्य सदस्यों के खिलाफ भी किया जाता है।
वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवगेनी प्रिगोझिन की संदिग्ध मौत का जिक्र करते हुए यूक्रेनी राष्ट्रपति ने विमान दुर्घटना में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की संलिप्तता के संकेत दिए, जिसमें प्रिगोझिन की मौत हुई थी। जेलेंस्की ने कहा कि अगर कोई पुतिन के खिलाफ आवाज उठाता है तो उसके साथ प्रिगोझिन जैसा व्यवहार किया जाता है।
जी-7 देशों ने रूस की आक्रमकता की निंदा की
जी-7 समूह के देशों ने एक बार फिर यूक्रेन के साथ खड़े रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक में यूक्रेन के खिलाफ रूस की आक्रामकता की निंदा की गई। जापान के विदेश मंत्री कामिकावा योको ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में जी-7 के विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी की। अमेरिकी विदेश विभाग ने एक बयान में कहा, जी-7 सदस्यों ने एक बार फिर जब तक संभव हो, यूक्रेन के साथ खड़े रहने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई और रूस की आक्रामकता और संयुक्त राष्ट्र चार्टर सहित अंतरराष्ट्रीय कानून के उल्लंघन की कड़े शब्दों में निंदा की। साथ ही सदस्य देशों ने यूक्रेन में नागरिकों और बुनियादी ढांचे पर रूस के बढ़ते हमलों की भी कड़ी निंदा की और कहा कि रूस को यूक्रेन के क्षेत्रों से अपने सैनिकों को तुरंत और बिना शर्त हटाना चाहिए।