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पेंटागन में रक्षा मंत्री कार्यालय में दक्षिण एशिया नीति के निदेशक सिद्धार्थ अय्यर ने हाल ही में हडसन इंस्टीट्यूट में एक कार्यक्रम के दौरान ऐसा दावा किया। अगर भारत और अमेरिका अगर सैन्य प्रणालियों के निर्माण में साथ आते हैं तो भारत के रक्षा उद्योग को उच्च-तकनीक वाले हथियारों के उत्पादन का मौका मिल सकता है। इतना ही नहीं दोनों देशों के सहयोग के बाद भारत में अमेरिका के हथियारों के बनने का रास्ता भी साफ हो सकता है। क्या बोले पेंटागन के वरिष्ठ अफसर? अय्यर ने कहा कि अमेरिका अब भारत सरकार के साथ युद्ध में इस्तेमाल होने वाले जमीन आधारित पारंपरिक हथियार बनाने के लिए बात कर रहा है। इसके अलावा दोनों देशों में खुफिया तंत्र और निगरानी में इस्तेमाल होने वाली सैन्य प्रणालियों के इस्तेमाल को लेकर भी बातचीत जारी है। अय्यर ने कहा कि अमेरिका की तरफ से पारस्परिक रक्षा खरीद समझौते को तय करने पर भी चर्चा जारी है। उन्होंने कहा कि इस पर ज्यादा जानकारी प्रक्रिया के आगे बढ़ने के बाद ही दी जा सकती है। अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करें

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उन्होंने कहा कि सबसे दिलचस्प बात यह है कि वह कई वर्षों से चीन के हस्तक्षेप करने के बारे में जानते थे। यहां तक कि उसी समय बीजिंग ने दो कनाडाई नागरिकों को बंधक बना रखा था। तब उन्होंने न तो कुछ कहा और न कुछ किया।

Canada's opposition leader jabs Trudeau on India allegations

कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में कथित तौर पर भारत के शामिल होने के आरोप पर विवाद बढ़ता जा रहा है। अब वहां के विपक्षी नेताओं ने ट्रूडो को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि पीएम को सभी तत्थों के साथ सामने आना चाहिए, जिससे निर्णय लिया जा सके।

सफाई देने की जरूरत
मंगलवार को विपक्ष के नेता पोइलीवरे ने कहा, ‘मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री को सभी तथ्यों के साथ सफाई देने की जरूरत है। हमें सभी संभव सबूतों को जानने की जरूरत है ताकि कनाडाई उस पर निर्णय ले सकें।’ पोइलीवरे का यह बयान मीडिया के उस सवाल के जवाब में आया, जिसमें पूछा गया था कि कनाडा द्वारा एक भारतीय राजनयिक को निष्कासित किए जाने के बाद और क्या किया जाना चाहिए।

निजी तौर पर कुछ नहीं बताया
विपक्षी नेता ने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने कोई तथ्य अभी तक सामने नहीं रखा है। उन्होंने सिर्फ एक बयान दिया। मैं बस इस बात पर जोर दूंगा कि उन्होंने मुझे निजी तौर पर इतना कुछ नहीं बताया, जितना उन्होंने सार्वजनिक रूप से कनाडाई लोगों को बताया। इसलिए मुझे इस मामले में और अधिक जानना जरूरी है।’ उन्होंने आगे कहा कि अगर पीएम और अधिक इस बारे में नहीं बता पाएंगे तो आरोप गलत या अविश्वसनीय पाए जा सकते हैं। इसलिए कोई भी फैसला करने के लिए हमारे पास और सबूत होने चाहिए।

बीजिंग पर क्यों रहे शांत
उन्होंने कहा, ‘मुझे यह दिलचस्प लगता है कि वह कई वर्षों से चीन के हस्तक्षेप करने के बारे में जानते थे। यहां तक कि उसी समय बीजिंग ने दो कनाडाई नागरिकों को बंधक बना रखा था। तब उन्होंने न तो कुछ कहा और न कुछ किया।’

यह है मामला
कनाडा और भारत के बीच मनमुटाव बढ़ता जा रहा है। दरअसल, कनाडा ने भारत के एक शीर्ष राजनयिक को निष्कासित कर दिया है। पूरा मामला सिख नेता हरदीप सिंह निज्जर हत्याकांड की जांच से जुड़ा है। कनाडा सरकार का आरोप है कि भारतीय राजनयिक हत्याकांड की जांच में हस्तक्षेप कर रहे थे और वह भी तब जब कनाडाई एजेंसी मामले की जांच के लिए प्रतिबद्ध हैं। कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया है कि निज्जर की हत्या के पीछे भारत सरकार की साजिश हो सकती है।

कौन है हरदीप सिंह निज्जर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसी साल जून में कनाडा के एक प्रमुख खालिस्तानी नेता हरदीप सिंह निज्जर की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कनाडा के सरे में स्थित गुरु नानक सिख गुरुद्वारे के नजदीक दो अज्ञात हमलावरों ने निज्जर पर हमला किया था। हमले में उसकी मौत हो गई थी। भारतीय एजेंसी एनआईए ने निज्जर को भगोड़ा घोषित किया था। बता दें, निज्जर गुरु नानक सिख गुरुद्वारे का अध्यक्ष था और कनाडा में चरमपंथी संगठन सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) का प्रमुख चेहरा था। निज्जर, खालिस्तान टाइगर फोर्स का प्रमुख भी था।

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