मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा कि 2010 में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास कराया था। राजनीति में जिस तरह एससी-एसटी को दर्जा मिला ठीक वैसे ही महिलाओं को भी राजनीति में जगह मिलनी चाहिए।
नए संसद भवन में केंद्र सरकार ने लोकसभा में महिला आरक्षण बिल पेश किया। केंद्र सरकार के इस कदम पर अब चुनावी घमासान मच गया है। कांग्रेस ने बिल को महिलाओं की उम्मीदों के साथ बड़ा धोखा करार दिया है। महिला आरक्षण बिल जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया के बाद ही प्रभावी होगा। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कहना है कि उनकी पार्टी ने हमेशा महिला आरक्षण बिल का समर्थन किया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट कर कहा कि 2010 में कांग्रेस-यूपीए सरकार ने महिला आरक्षण बिल राज्यसभा में पास कराया था। राजनीति में जिस तरह एससी-एसटी को दर्जा मिला ठीक वैसे ही महिलाओं को भी राजनीति में जगह मिलनी चाहिए। खरगे ने आगे कहा कि मोदी सरकार आज जो बिल लेकर आई है, उसका मौजूदा ड्राफ्ट ध्यान देने लायक है। बिल के मौजूदा ड्राफ्ट में लिखा है कि यह जनगणना और परिसीमन के बाद लागू किया जाएगा।
खरगे के अलावा, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री को आगामी राज्य चुनावों में निश्चित हार का सामना करना पड़ेगा। वे अपने पैरों तले धरती खिसकने के कारण तिनकों का सहारा ले रहे हैं। भारत के चूंकि अबतक दशकीय जनगणना नहीं की इस वजह से जी20 शामिल देशों भारत इकलौता देश बन गया, जो जनगणना में विफल रहा। रमेश ने पूछा कि यह जनगणना कब होगी? उन्होंने कहा कि अगर प्रधानमंत्री की महिला सशक्तिकरण को प्राथमिकता देने की असल मंशा होती तो बिना किसी किंतु-परंतु के जारी हो गया होता।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने भी बिल को लेकर सरकार पर कटाक्ष किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि लोकसभा में पेश किया गया महिला आरक्षण बिल भाजपा की भ्रामक राजनीति का विशिष्ट उदाहरण है। उन्होंने कहा कि यह बिल भारत की महिलाओं का मजाक उड़ाता है और परिसीमन का इंतजार करने के लिए कहता है। यह कोई विधेयक नहीं है। कांग्रेस की सोशल मीडिया प्रमुख सुप्रीय श्रीनेत ने भी भाजपा पर कटाक्ष किया है।
भाजपा ने मंगलवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को आरक्षण देने के लिए गंभीर है ही नहीं। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि लोकसभा में विधेयक का पेश किया जाना नरेंद्र मोदी सरकार की अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। शाह ने ट्वीट कर कहा कि अफसोस है कि विपक्ष यह पचा नहीं पा रह है। दिखावे के अलावा कांग्रेस कभी भी महिला आरक्षण को लेकर गंभीर नहीं रही।