संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि भारत काला सागर अनाज पहल को जारी रखने में संयुक्त राष्ट्र महासचिव द्वारा किए गए प्रयासों का समर्थन करता है।
संयुक्त राष्ट्र में भारत की स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज का कहना है कि काला सागर अनाज पहल को जारी रखने के लिए संयुक्त राष्ट्र के महासचिव के प्रयासों का भारत समर्थन करता है। भारत को उम्मीद है कि वर्तमान गतिरोध का जल्द से जल्द समाधान होगा। कंबोज ने सुरक्षा परिषद की अध्यक्षता और खाद्य असुरक्षा के मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अमेरिका की भी सराहना की।
साथ मिलकर काम करने पर जोर
कंबोज ने कहा कि हमें कूटनीति के माध्यम से हल खोजने के लिए एक साथ मिलकर काम करना चाहिए। हमारे भविष्य निर्माण के लिए शांति, सहयोग बहुपक्षवाद आवश्यक है। साक्षा जिम्मेदारी के लिए वैश्विक कानून और वैश्विक मूल्य एक होने चाहिए। खाद्यान्न की कमी को हल करने के लिए हमें बाधाओं से परे जाना होगा। भारत समकालीन वैश्विक चुनौतियों को दूर के लिए अपनी भूमिका निभाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। काला सागर अनाज को लेकर की गई पहल के बारे में कंबोज ने कहा कि मामले में हाल के घटनाक्रमों ने शांति-स्थिरता के बड़े उद्देश्य को जल्द से जल्द हासिल करने में मदद नहीं की। उन्होंने कहा कि भारत संकट के समय में सहायता करने में हमेशा तत्पर रहा है।
भारत ने हर वैश्विक सम्सयाओं का समाधान किया
कंबोज ने कोविड 19 महामारी का जिक्र करते हुए भारत की सहायता को याद दिलवाया। उन्होंने कहा कि भारत ने खाद्य सुरक्षा मजबूत करने के लिए भारत ने अफ्रीका सहित कई देशों हजारों मीट्रिक टन गेहूं, चावल, दालें और मसूर खाद्य सहायता के रूप में प्रदान की। यहां तक की भारत ने अफगानिस्तान में भी वहां की जनता के लिए उतपन्न हुए खाद्य संकट को देखते हुए 50 हजार मीट्रिक टन गेहूं का दान किया। भारत ने म्यांमार संकट को देखते हुए उन्हें 10,000 टन चावल और गेहूं दिया। भारत ने श्रीलंका की भी पूरी मदद की। भारत ने अपनी विदेश नीति पड़ोसी पहले और वसुधैव कुटुंबकम की प्रेरणा से दूसरे देशों की मदद की।