एडीआर की याचिका में चुनाव आयोग को सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत चुनाव आयोग (2013) मामले में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तात्पर्य और उद्देश्य को पूर्ण रूप से लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है।
सुप्रीम कोर्ट ने एनजीओ एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की ईवीएम की गिनती को वीवीपैट से सत्यापित कराने की मांग वाली याचिका पर निर्वाचन आयोग को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। आयोग को जवाब दाखिल करने के लिए तीन हफ्ते का वक्त दिया गया है।
जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला एम त्रिवेदी की पीठ ने एडीआर के वकील प्रशांत भूषण से पूछा, क्या हम कभी-कभी जरूरत से ज्यादा सशंकित नहीं हो जाते। इस पर भूषण ने दलील दी कि कभी-कभी दर्ज वोट और वोटों की गिनती मेल नहीं खाती है, क्योंकि केवल कुछ वीवीपैट का मिलान ईवीएम की वोटों की गिनती से किया जा रहा है। इसपर पीठ ने मामले की जांच करने का निर्णय लिया।
याचिका में चुनाव आयोग को सुब्रमण्यम स्वामी बनाम भारत चुनाव आयोग (2013) मामले में जारी सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तात्पर्य और उद्देश्य को पूर्ण रूप से लागू करने का निर्देश देने की मांग की गई है। हालांकि, एन चंद्रबाबू नायडू बनाम भारत सरकार (2019) मामले में चुनाव के आखिरी समय शुरू हुई कार्यवाही और चुनाव आयोग की बताई गई मैनपावर की उपलब्धता सहित बुनियादी ढांचे की कठिनाइयों को इंगित करने पर सुप्रीम कोर्ट ने हर विधानसभा क्षेत्र के पांच मतदान केंद्रों में वीवीपैट की गिनती करने का निर्देश दिया था।
एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि गोवध पर प्रतिबंध लगाने का फैसला विधायिका लेगी। कोर्ट विधायिका पर इसके लिए विशेष कानून बनाने का दबाव नहीं डाल सकता। कोर्ट ने इस मामले में राज्य सरकारों की ओर से उठाए गए कदमों का भी संज्ञान लिया। इस मामले में शीर्ष कोर्ट ने राष्ट्रीय हरित अधिकरण को विशेष निर्देश जारी करने से भी मना कर दिया। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस संजय करोल की पीठ एनजीटी के आदेश के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी।