केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह का बयान आया है, उन्होंने रविवार को कहा कि इस हफ्ते श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 लॉन्च होते ही, भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने जब से बहुप्रतीक्षित मिशन चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग की तारीख का एलान किया है तब से देश-दुनिया की नजर इस मिशन पर जम गई हैं। जिसको लेकर अब केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह का बयान आया है, उन्होंने रविवार को कहा कि इस हफ्ते श्रीहरिकोटा से चंद्रयान-3 लॉन्च होते ही, भारत चंद्रमा की सतह पर अपना अंतरिक्ष यान उतारने वाला चौथा देश बन जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हालिया अमेरिकी यात्रा में अंतरिक्ष संबंधी महत्वपूर्ण समझौते हुए, जिससे पता चलता है कि जिन देशों ने भारत से बहुत पहले अपनी अंतरिक्ष यात्रा शुरू की थी, वे आज देश को एक समान सहयोगी के रूप में देख रहे हैं। आगे बोले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शासन में हमारी अंतरिक्ष विशेषज्ञता में इतनी बड़ी वृद्धि के बाद भारत अब चंद्रमा की यात्रा में पीछे रहने का इंतजार नहीं कर सकता।
केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) जितेंद्र सिंह ने अंतरिक्ष कर्मियों के लिए एक सक्षम वातावरण प्रदान करने और सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) के लिए अंतरिक्ष क्षेत्र को खोलने जैसे अग्रणी निर्णय लेने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पूरा श्रेय दिया और कहा कि विकास के वर्तमान प्रक्षेपवक्र के आधार पर, भारत का अंतरिक्ष क्षेत्र आगे बढ़ सकता है। जितेंद्र सिंह ने कहा कि चंद्रयान-3, चंद्रयान-2 का अनुवर्ती मिशन है और इसका उद्देश्य चंद्रमा की सतह या चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग और घूमने में भारत की क्षमता का प्रदर्शन करना है।
जानकारी के मुताबिक, चंद्रयान-2 के बाद इस मिशन को चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित लैंडिंग के लिए भेजा जा रहा है। चंद्रयान-2 मिशन आखिरी चरण में विफल हो गया था। उसका लैंडर पृथ्वी की सतह से झटके के साथ टकराया था, जिसके बाद पृथ्वी के नियंत्रण कक्ष से उसका संपर्क टूट गया था। चंद्रयान-3 को उसी अधूरे मिशन को पूरा करने के लिए भेजा जा रहा है।
इससे पहले राष्ट्रीय अंतरिक्ष एजेंसी ने बुधवार को बताया था कि श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र में चंद्रयान-3 युक्त एनकैप्सुलेटेड असेंबली को एलवीएम3 के साथ जोड़ा गया। यह मिशन भारत को अमेरिका, रूस और चीन के बाद चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला दुनिया का चौथा देश बना देगा।