बैठक के बाद, पार्टी के वरिष्ठ नेता उदय सामंत ने किसी भी प्रकार के मतभेद और असंतोष को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां साथ मिलकर सरकार चलाएंगे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। संगठन को मजबूत करने के लिए जोर दिया जा रहा है।
महाराष्ट्र की राजनीति में इन दिनों खींचतान जारी है। अजित पवार के सत्ता पक्ष में शामिल होने से शिंदे गुट काफी परेशान है। शिंदे गुट के विधायकों में बढ़ रहे असंतोष के कारण मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपने आवास पर बैठक आयोजित की। विधायकों का कहना है कि शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे कभी भी एनसीपी के साथ साझेदारी नहीं कर सकते थे। उद्धव ठाकरे की शिवसेना से अलग होते हुए एकनाथ शिंदे ने कहा था कि उद्धव बाला साहब ठाकरे के विचारों को पीछे छोड़ चुके हैं। इसके साथ ही शिंदे ने एनसीपी और कांग्रेस के साथ शिवसेना के गठबंधन पर कड़ी आपत्ति जताई थी।
मंत्री पद कम होने से शिंदे गुट के नेताओं में असंतुष्टि
उद्धव ठाकरे गुट के नेता शिंदे गुट के नेताओं के पूर्व बयानों पर निशाना साध रहे हैं। उन्होंने एक ट्वीट कर पूछा कि बताएं अब क्या कहेंगे। शिंदे गुट के विधायक भी एनसीपी विधायकों के कारण घटते मंत्रालयों से असंतुष्ट हैं। शिवसेना सांसद गजानन कीर्तिकर के अनुसार एक मीडिया रिपोर्ट ने कहा कि एनसीपी के सरकार में शामिल होने के कारण बीजेपी और शिवसेना से मंत्री पद के दावेदारों की गुंजाइश कम हो गई है। इससे कुछ विधायक नाराज हैं। मुख्यमंत्री को इसकी जानकारी है।
हमारे सभी विधायक खुश है- कैबिनेट मंत्री
एकनाथ शिंदे द्वारा बुलाई गई बैठक के बाद महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री शंभुराज देसाई ने कहा कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे इस्तीफा नहीं देंगे। हमारी सरकार के पास 200 से अधिक सीटें हैं। सभी विधायकों को मुख्यमंत्री शिंदे पर पूर्ण भरोसा है। लोग सिर्फ अफवाह उड़ा रहे हैं। इसमें कोई तथ्य या सच्चाई नहीं है। शरद पवार शायद पार्टी टूटने का सदमा बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं, इसलिए वे अब हमपर टीका टिप्पणी कर रहे हैं। उनके बयानों का हमपर कोई असर नहीं है। हम शिंदे और फडणवीस के नेतृत्व में महाराष्ट्र के विकास पर फोकस कर रहे हैं। हम लोग नाराज नहीं है। हमने एकनाथ शिंदे नेतृत्व पर विश्वास जताया है।
मतभेद की बात को नेताओं ने नकारा
बैठक के बाद, पार्टी के वरिष्ठ नेता उदय सामंत ने किसी भी प्रकार के मतभेद और असंतोष को सिरे से नकार दिया है। उन्होंने कहा कि तीनों पार्टियां साथ मिलकर सरकार चलाएंगे। हमारे बीच कोई मतभेद नहीं है। संगठन को मजबूत करने के लिए जोर दिया जा रहा है। 2024 लोकसभा चुनाव मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता में लड़ी जाएगी। शपथ ग्रहण के बाद अजित पवार ने कहा था कि डबल इंजन सरकार अब ट्रिपल इंजन सरकार हो गई है। राज्य विकास के पथ पर बढ़ रहा है। अब राज्य में एक मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्री हैं।
शिंदे गुट के नेता ने पहले एनसीपी पर साधा था निशाना
बता दें, 19 अप्रैल को शिंदे गुट के प्रवक्ता संजय शिरसाट ने कहा था कि एनसीपी के बारे में हमारी स्पष्ट नीति है। एनसीपी धोखा देती है। हम सत्ता में एनसीपी के साथ नहीं रहेंगे। उन्होंने कहा था कि अगर भाजपा राकांपा को अपने साथ ले जाती है तो महाराष्ट्र इसे पसंद नहीं करेगा। हमने उद्धव का साथ इसलिए छोड़ा क्योंकि जनता को कांग्रेस और एनसीपी का साथ पसंद नहीं था। शिरसाट ने कहा था कि अजित को एनसीपी में छूट नहीं मिल रही है। अगर वे एनसीपी छोड़ते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। लेकिन अगर वे एनसीपी नेताओं के साथ आएंगे तो हम सरकार में नहीं होंगे।