तालिबान के वाइस एंड सदाचार मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद आकिफ महाजर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि काबुल नगर पालिका को तालिबान नेता के नए फरमान को लागू करने और महिलाओं के ब्यूटी सैलून के लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया है।
एक बार फिर तालिबान ने महिलाओं को निशाना बनाया है। उसने काबुल और देश भर के अन्य प्रांतों में महिलाओं के ब्यूटी सैलून पर प्रतिबंध लगाने का फैसला लिया है। इसके लिए एक मौखिक फरमान जारी किया गया है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के वाइस एंड सदाचार मंत्रालय के प्रवक्ता मोहम्मद आकिफ महाजर ने यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि काबुल नगर पालिका को तालिबान नेता के नए फरमान को लागू करने और महिलाओं के ब्यूटी सैलून के लाइसेंस रद्द करने का आदेश दिया।
नए फरमान की हो रही आलोचना
तालिबान द्वारा अफगान लड़कियों और महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने पर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों स्तरों पर प्रतिक्रियाएं शुरू हो गई हैं। तालिबान के इस फरमान की जमकर आलोचना हो रही है।वहीं, नए फरमान पर सैलून से जुड़ी महिलाओं की प्रतिक्रिया सामने आई हैं। उन्होंने तालिबान से सवाल किया है कि क्या वे मर जाएं।
परिवार के लिए काम करना जरूरी
एक मेकअप आर्टिस्ट रेहान मुबारिज ने कहा कि पुरुष बेरोजगार हैं। जब पुरुष अपने परिवार की देखभाल नहीं कर सकते, तो महिलाओं को रोटी की तलाश में ब्यूटी सैलून में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ता है। अगर उन्हें वहां प्रतिबंधित कर दिया जाता है, तो हम क्या करें?
क्या भूखे मर जाए
वहीं, एक अन्य ने कहा कि अगर परिवार के पुरुषों के पास नौकरी होगी तो हम घर से बाहर नहीं निकलेंगे। मेकअप आर्टिस्ट ने तालिबान से पूछा कि क्या हमें भूखा मर जाना चाहिए, हमें क्या करना चाहिए? आप चाहते हैं कि हम मर जाएं?
इन पर लग चुका है प्रतिबंध
गौरतलब है, नया फरमान ऐसे समय में सामने आया है, जब इस्लामिक अमीरात (अफगानिस्तान) ने लड़कियों और महिलाओं को स्कूलों, विश्वविद्यालयों और गैर सरकारी संगठनों में काम करने के साथ-साथ सार्वजनिक क्षेत्रों जैसे पार्क, सिनेमा और अन्य मनोरंजन क्षेत्रों में जाने पर प्रतिबंध लगा दिया है।
सरकार बनाए एक रूपरेखा
वहीं, काबुल के रहने वाले अब्दुल खबीर ने कहा कि सरकार को इसके लिए एक रूपरेखा बनानी चाहिए। रूपरेखा इस तरह होनी चाहिए कि न तो इस्लाम को नुकसान हो और न ही देश को।