इस महीने भारत को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में हार का सामना करना पड़ा था। टीम इंडिया के खराब प्रदर्शन के सबसे बड़े कारणों में से एक वर्ल्ड नंबर वन टेस्ट स्पिनर रविचंद्रन अश्विन का न खेलना रहा। उन्हें प्लेइंग-11 में भी मौका नहीं दिया गया था। वहीं, ऑस्ट्रेलियाई स्पिनर नाथन लियोन ने इस मैच में दूसरी पारी में चार विकेट लिए थे। इसके बाद अश्विन को न खिलाने की चौतरफा आलोचना हुई थी। हार के बाद एक इंटरव्यू में अश्विन ने बेंच पर बैठने और भारतीय क्रिकेट टीम को लेकर कई बयान दिए थे। उन्होंने कहा था कि पहले सभी साथी खिलाड़ी उनके अच्छे दोस्त थे, लेकिन अब सभी सहयोगी बनकर रह गए हैं। अब इस बयान पर टीम इंडिया के पूर्व हेड कोच रवि शास्त्री ने पलटवार किया है। उन्होंने अश्विन पर तंज कसा है।
अश्विन ने क्या कहा था?
दरअसल, एक इंटरव्यू में अश्विन से पूछा गया कि क्या वह मदद की तलाश में अपने किसी साथी से खुलकर बात करते हैं, तो अश्विन ने कहा, “यह एक गहन विषय है”। उन्होंने बताया कि टीम में हर जगह के लिए जमकर प्रतिस्पर्धा है और दोस्ती की बातें अब इन हालातों में ज्यादा अहम नहीं हैं। अश्विन ने कहा था, “यह एक ऐसा समय है जहां हर कोई एक सहयोगी है। एक बार जब क्रिकेट खेला जाता था, तो आपके सभी साथी दोस्त थे। अब वे सहकर्मी हैं। यह एक बड़ा अंतर है क्योंकि यहां लोग खुद को आगे बढ़ाने और आगे बढ़ने के लिए हैं। कोई अन्य व्यक्ति आपके दाएं या बाएं बैठा है, लेकिन किसी के पास यह कहने का समय नहीं है, ‘ठीक है, बॉस आप क्या कर रहे हैं’?”
अश्विन ने कहा कि जब खिलाड़ी अपनी तकनीक और अनुभव को साझा करते हैं तो यह टीम के लिए बेहतर होता है, भारतीय टीम में इसके करीब भी कुछ नहीं होता है। उन्होंने कहा “यह एक अलग-थलग यात्रा है”। उन्होंने कहा- वास्तव में, मेरा मानना है कि जब आप अनुभव साझा करते हैं तो क्रिकेट बेहतर हो जाता है। जब आप किसी अन्य व्यक्ति की तकनीक और किसी अन्य व्यक्ति की यात्रा को समझते हैं तो यह बेहतर हो जाता है। लेकिन यह कहीं भी नहीं होता है कि यह कितना होना चाहिए। कोई भी आपकी मदद के लिए नहीं आएगा।
रवि शास्त्री ने अश्विन को दिया जवाब
अब भारत के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री, जिन्होंने टीम के साथ अपने कार्यकाल के दौरान अश्विन के साथ मिलकर काम किया था, उन्होंने अश्विन की टिप्पणी के बारे में पूछे जाने पर तंज कसा। शास्त्री ने दो टूक कहा कि सहकर्मी हमेशा रहेंगे, चाहे वह ड्रेसिंग रूम हो या कमेंट्री बॉक्स। शास्त्री ने कहा- मेरे लिए सभी हमेशा सहकर्मी थे। आपके ऐसे दोस्त होंगे जो सहकर्मी होंगे। मेरा मतलब है किसी के कितने करीबी दोस्त होते हैं? आप जाकर किसी से पूछो तो वो कहेगा उनकी जिंदगी में चार या पांच दोस्त हैं। मैं अपने जीवन में पांच करीबी दोस्तों के साथ खुश हूं, मुझे इससे ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। मैं जो कहना चाह रहा हूं वह ये है कि हर समय आपके साथ सहकर्मी होंगे।