भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय रास्ता बदलकर उत्तर-पूर्व की ओर कच्छ व सौराष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है। इसके तट से टकराने से पहले ही महासागर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। चक्रवात के तट के टकराने के समय 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, जो 150 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है।
गुजरात के तटों की तरफ बढ़ रहा चक्रवात बिपरजॉय बेहद खतरनाक रूप ले चुका है। इसके बृहस्पतिवार को शाम चार से रात आठ बजे के बीच कच्छ के जखाऊ में जमीन से टकराने की आशंका है। मौसम विभाग ने इससे भारी तबाही की चेतावनी दी है। कच्छ और सौराष्ट्र क्षेत्रों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। किसी भी हालात से निपटने के लिए गुजरात और महाराष्ट्र में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की 33 टीमें तैनात की गई हैं। सेना भी तैयार है। तटवर्ती 8 जिलों से 74,345 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर बनाए गए आश्रय घरों में पहुंचा दिया गया है। चक्रवात के बाद यातायात व बिजली व्यवस्था बहाल करने के लिए करीब छह सौ टीमें बनाई गई हैं।भारत मौसम विज्ञान विभाग के मुताबिक, चक्रवात बिपरजॉय रास्ता बदलकर उत्तर-पूर्व की ओर कच्छ व सौराष्ट्र की तरफ बढ़ रहा है। इसके तट से टकराने से पहले ही महासागर में ऊंची-ऊंची लहरें उठ रही हैं। चक्रवात के तट के टकराने के समय 125-135 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवा चलेगी, जो 150 किमी प्रति घंटे तक जा सकती है। बुधवार को भी सौराष्ट्र व कच्छ क्षेत्र में भारी बारिश हुई और तेज हवाएं चलीं। बीते 24 घंटे में देवभूमि द्वारका, जामनगर, जूनागढ़, पोरबंदर और राजकोट में कई क्षेत्रों में 50 मिमी से भी ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई है। 15 जून और उसके बाद इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है।
बुधवार सुबह जखाऊ से 280 किमी दूर था चक्रवात
आईएमडी के अनुसार, बुधवार सुबह 11:30 बजे चक्रवात बिपरजॉय जखाऊ बंदरगाह से 280 किलोमीटर और देवभूमि द्वारका से 290 किलोमीटर पश्चिम-दक्षिण पश्चिम में बना हुआ था। वहीं नलिया से 300 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 350 किमी पश्चिम-उत्तर पश्चिम और पाकिस्तान के कराची से 340 किमी दक्षिण-दक्षिण पश्चिम बना हुआ था।