नगर निगम और जलकल विभाग का चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 का मूल बजट सोमवार को नगर निगम सदन से पास हो गया। दो महीने से अधिक की देरी से सदन बुलाए जाने को लेकर सपा और कांग्रेस पार्षदों ने औचित्य का सवाल उठाया, लेकिन जब कोटे की चारों किश्त एक साथ जारी करने की मांग पूरी हो गई तो बिना संशोधन बजट पास कर दिया। गृहकर और जलकर में बढ़ोतरी नहीं की गई है, पर सवारी व व्यावसायिक गाड़ियों पर संचालन शुल्क व लाइसेंस शुल्क लगाने के प्रस्ताव को पास कर दिया गया। सदन ने स्थिर व साइकिल व ठेला वाले पटरी दुकानदारों के वेंडिंग शुल्क में बढ़ोतरी के प्रस्ताव को खारिज कर दिया, लेकिन मोबाइल फूड वैन के वेंडिंग शुल्क में डेढ़ गुना बढ़ोतरी किए जाने को मंजूरी दे दी।
चालू वित्तीय वर्ष के लिए नगर निगम की ओर से 21 अरब रुपये आय-व्यय का बजट पेश किया गया। इसके तहत नगर निगम सीमा में शामिल हुए 88 गांवों के विकास पर 44 करोड़ रुपये खर्च करेगा। गृहकर आय बढ़ोतरी सहित जिन मदों में कार्यकारिणी बैठक में संशोधन किए गए थे, उनको भी सदन ने पास कर दिया है। मई में हुई कार्यकारिणी बैठक में गृहकर से आय के 310 करोड़ के प्रावधान को बढ़ाकर 330 करोड़ कर दिया गया था। सदन की बैठक में जलकल का बजट भी पास किया गया है।
महापौर ने बताया कि जलकल 366.78 करोड़ आय और 366.29 करोड़ रुपये व्यय का बजट पास किया गया। जो 49 लाख रुपये फायदे का बजट है। इसके बाद अब नई पाइप लाइन बिछाने पर एक करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। गर्मी में पेयजल की किल्लत ने हो, इसे लेकर नए नलकू प लगाने पर 950 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। ढाई करोड़ रुपये मैनहोल के मरम्मत पर खर्च किए जाएंगे। दो करोड़ रुपये सबमर्सिबल की मरम्मत पर खर्च किए जाएंगे। पेयजल पाइप लाइनों की मरम्मत को लेकर चार करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है।
नगर निगम प्रशासन की ओर से वेंडिंग लाइसेंस शुल्क दोगुना करने का प्रस्ताव पेश किया गया था। जिसे बढ़ाने से पार्षदों ने इन्कार कर दिया। इसके बाद स्थिर फेरी, चल फेरी साइकिल पर सामान बेचने वाले का वेंडिंग शुल्क नहीं बढ़ाया गया, लेकिन मोबाइल फूड वैन का शुल्क 2400 रुपये सालाना से बढ़ाकर 3600 रुपये कर दिया गया।
बढ़ सकता है गृहकर छूट का दायरा
नगर निगम प्रशासन उन भवनों से वार्षिक किराया मूल्यांकन पर 10 प्रतिशत गृहकर लेता है जिनका मूल्यांकन 900 रुपये होता है। इससे अधिक मूल्यांकन वाले भवनों पर 15 प्रतिशत गृहकर लेता है। यह प्रस्ताव हर साल पास किया जाता है। सोमवार को भी सदन में जब यह प्रस्ताव आया तो पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान ने कहा अब कोई एक कमरे वाला भी घर नहीं है जिसका वार्षिक मूल्यांकन 900 रुपये होता हो। जो मूल्यांकन राशि 30 साल पहले तय हुई थी वह अब भी चल रही है। इसे बढ़ाया जाए। इस पर महापौर ने कमेटी बनाकर जल्द निर्णय लेने का आश्वासन दिया।
विकास पर कितना होगा खर्च
डीजल पेट्रोल : 50 करोड़
मार्ग प्रकाश कार्य : 27.60 करोड़
कचरा प्रबंधन : 40 करोड़
भवन निर्माण-मरम्मत : 06 करोड़
नाला सफाई : 03 करोड़
देनदारी : 263 करोड़
कहां से कितनी होगी आय
गृहकर : 330 करोड़
पार्किंग : 25 करोड़
विज्ञापन शुल्क : 07 करोड़
भवनों की ब्रिकी आहाना एंक्लेस से आय : 100 करोड़
यूजर चार्ज : 55 करोड़
इन योजनाओं के लिए को मिला बजट
– गोमती तट स्थित झूलेलाल घाट पर बनने वाले लक्ष्मण प्रेरणा स्थल के 15 करोड़ रुपये की मंजूरी
– चारबाग में बनने वाले महिला बाजार के लिए सात करोड़ रुपये।
– अनुसुइया रसोई के लिए एक करोड़ का बजट।
बजट में फिर मिली इन योजनाओं को जगह
नए कल्याण मंडप कर निर्माण : 50 लाख रुपये
नए विद्युत शवदाह गृह का निर्माण : 30 लाख रुपये
वेंडिंग जोन में नागरिक सुविधाओं के कार्य : 10 लाख रुपये
सड़क निर्माण के लिए स्थूल पर नमूना जांच हेतु प्रयोगशाला का निर्माण : 20 लाख रुपये
अमीनाबाद इंटर कॉलेज व अन्य कॉलेजों में स्मार्ट क्लास संचालन : 40 लाख रुपये
मिनी स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का निर्माण : 30 लाख रुपये
अस्थाई रैन बसेरों का निर्माण : 50 लाख रुपये
अटल स्मृति उपवन : 300 लाख रुपये
बुलडोजर पर आमने-सामने पक्ष विपक्ष
कर्मचारी के रिश्तेदार की फर्म कोे भुगतान पर विवाद
लेखा विभाग के लिपिक के रिश्तेदार की फर्म को दस महीने में करीब एक करोड़ रुपये के भुगतान को लेकर विवाद हो गया। एक पार्षद ने मामला उठाते हुए कहा कि जरूरतमंद ठेकेदारों को पांच लाख भुगतान नहीं होता, वहीं कर्मचारी के रिश्तेदार की फर्म को एक करोड़ का पेमेंट हो गया। बकाया भुगतान की मांग को लेकर नगर निगम के ठेकेदार यूनियन ने भी महापौर को ज्ञापन दिया।
ऑफिस में बाहरी व्यक्तियों को लेकर हंगामा
भाजपा पार्षद रामकृष्ण यादव ने नगर निगम कर्मचारी संघ के पत्र का हवाला देते हुए कहा कि जोनल कार्यालयों में बाहरी लोग काम करते हैं। वे लोगों से पैसे मांगते हैं, जिससे नगर निगम की छवि खराब होती है। नगर आयुक्त ने कहा कि इसे रोका जाएगा और जोनल अफसर यह प्रमाणपत्र देंगे कि उनके यहां कोई बाहरी व्यक्ति नहीं है।
सदन ने इनको दी गृहकर में छूट
– नगर निगम में कार्यरत पालिका केंद्रीयत व अकें द्रीयत सेवा के उन कर्मचारियाें को गृहकर नहीं देना होगा, जिनका शहर में एक ही मकान है और वे उसमें रहते हैं।
– ऐसे भूतपूर्व सैनिक जिन्हें परमवीर चक्र, अशोक चक्र तथा अन्य सैनिक या असैनिक शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया है या उनकी विधवाओं अथवा उनके आश्रितों (पति, पत्नी, नाबालिग बच्चे एवं अविवाहित पुत्री) को भी सामान्य कर से छूट दी जाएगी। बशर्ते भवन आवासीय हो और वे खुद उसमें रह रहे हों।
– भारत रत्न, राष्ट्रपति से शौर्य पदक प्राप्त पुलिस कर्मी या अधिकारी और अर्जुन पदक धारक।
– राष्ट्रीय स्तर के पत्रकार, वैज्ञानिक तथा खिलाड़ियों को गृहकर में आधी छूट दी जाएगी।
– स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, उनकी विधवाओं और आश्रित (नाबालिग बच्चे तथा अविवाहित पुत्री)।
– 80 से 100 प्रतिशत तक दिव्यांगजन को शतप्रतिशत तथा 50 से अधिक व 80 प्रतिशत सेकम दिव्यांग को गृहकर में 50 फीसदी की छूट।
सदन में ये मामले भी उठे
– सिकंदर बाग चौराहे का नामकरण वीरांगना ऊदा देवी के नाम पर होगा।
– पार्षद सुधीर राजपाल ने कहा, निलमथा में नगर निगम जोन आठ में तैनात चपरासी संजय यादव गृहकर कम कराने के नाम पर वसूली करता है। इस पर महापौर ने कहाकि जांच कराकर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
– कांग्रेस पार्षद अमित चौधरी ने कहा, विधानसभा मार्ग और चारबाग होटलों के गृहकर निर्धारण में बड़े पैमाने पर धांधली है। इसकी जांच कराई जाए।
– एक साल पहले शासन के आदेश पर नगर निगम ने उन सभी खुली पार्किंग का ठेका निरस्त कर दिया था, जहां शौचालय व टीन शेड नहीं था। इससे हो रहे नुकसान को लेकर फिर इन्हें शुरू किए जाने की मांग उठी। इस पर शासन को पार्किंग शुरू कराने को लेकर पत्र लिखे जाने का प्रस्ताव पास किया गया।
– एयरपोर्ट पर आने वाले यात्रियों पर प्रति यात्री 100 रुपये शुल्क लगाने का प्रस्ताव चार साल पहले पास हुआ था, पर लागू नहीं हुआ। इसे लेकर फिर से विचार कर शासन को भेजने के लिए सहमति बनी।
– सफाई कार्य में ग्लोबल टेंडर से एजेंसी चयन किए जाने की तैयारी के विरोध में पार्षदों ने नारेबाजी की।
– दस हजार की आबादी पर 28 सफाई कर्मचारी लगाए जाने के मानक को बदलने के लिए शासन को पत्र लिखा जाएगा।
– कचरा प्रबंधन का काम करने वाली निजी कंपनी ईकोग्रीन एनर्जी को बकाया टिपिंग फीस के भुगतान के लिए 25 करोड़ रुपये का बजट किसी अन्य मद से किए जाने का प्रस्ताव पास किया गया। यूजर चार्ज की कम वसूली से बीते वित्तीय वर्ष में यह भुगतान नहीं हो पाया।
– अमीनाबाद में पुरानी दर पर किराया जमा करेगा नगर निगम। नामांतरण पर लेगा बढ़ी हुई फीस, जल्द लगेगा कैंप।
तीन लाख बकायेदारों को तीन साल बाद फिर मिलेगा ओटीएस का लाभ
वर्ष 2019 में 16 साल बाद गृहकर व जलकर बकायेदारों के लिए ओटीएस योजना आई थी। इसके बाद अब फिर सोमवार की नगर निगम सदन की बैठक में योजना लाने का प्रस्ताव पास किया गया। शासन से मंजूरी के लिए यह लागू हो जाएगी। शहर के 3,16,590 भवनस्वामियों को इसका लाभ मिलेगा। प्रस्ताव के तहत ओटीएस योजना एक अप्रैल 2022 तक बकाये पर ही मिलेगी। इसमें बकाये पर पूरा ब्याज माफ कर दिया गया। यह छूट आवासीय और अनावासीय सभी तरह के भवनों पर मिलेगी।
382 करोड़ मिलेगा बकाया 279 करोड़ होगा माफ
ओटीएस योजना में 3,16,590 भवन आ रहे हैं, जिन पर कुल 661.95 करोड़ बकाया है। इसमें 382.80 करोड़ टैक्स है और 279.15 करोड़ रुपये ब्याज है। महापौर संयुक्ता भाटिया का कहना है कि ओटीएस से ब्याज तो माफ करना होगा, लेकिन बकाया टैक्स मिलने से नगर निगम की आय बढ़ेगी।
इन शर्तों के तहत मिलेगा ओटीएस का लाभ
-कुल बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान निश्चित समय के अंदर करना होगा।
– योजना लागू होने से पहले किए गए भुगतान का कोई समायोजन नहीं होगा।
– आंशिक भुगतान की स्थिति में शेष राशि पर ही योजना का लाभ मिलेगा।
– ओटीएस के तहत अन्य किसी तरह की छूट का लाभ नहीं दिया जाएगा।
सभी दलों के पार्षदों की मांग हुई पूरी
सभी दलों के पार्षदों की मांग, गुहार और एकजुटता के बाद पूरे साल में चार किस्त में मिलने वाला पूरा पार्षद कोटा एक साथ जारी कर दिया गया। इसकी मांग सदन में जोरदार तरीके से उठाई गई, जिसमें सपा, भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय सभी पार्षदों ने एकजुटता दिखाई। भाजपा पार्षद नागेंद्र सिंह चौहान ने पूरा कोटा जारी करने को लेकर विनती तक कर डाली। वहीं, बजट की कमी को देखते हुए जब निगम प्रशासन ने दो बार में कोटा जारी करने की बात कही तो सभी दलों के पार्षद प्रदर्शन की मुद्रा में आ गए। इसके करीब 15 मिनट बाद महापौर संयुक्ता भाटिया व नगर आयुक्त अजय द्विवेदी ने चारों किस्त एक साथ जारी करने का प्रस्ताव पास कर दिया।
गृहकर बढ़ाने का प्रस्ताव अटका
बजट की कमी को देखते हुए नगर आयुक्त ने गृहकर बढ़ाने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने कहा कि दिल्ली हो या इलाहाबाद, सभी जगहों पर गृहकर की दरें लखनऊ से ज्यादा हैं। नियम के अनुसार हर दो साल में हाउस टैक्स की दरों को पुनरीक्षित करना चाहिए, लेकिन यहां 2010 के बाद से ऐसा नहीं हुआ है। नगर निगम की 85 प्रतिशत आय गृहकर से होती है। यह भी कहा कि यदि गृहकर बढ़ेगा तो आप लोग जो पार्षद कोटा बढ़ाने, बकाया भुगतान करने और कार्यदायी संस्थाओं से सफाईकर्मी लगाने की मांग कर रहे हैं, वे आसानी से पूरी हो जाएंगी। हालांकि, पार्षदों ने चुनावी साल को लेकर गृहकर बढ़ाने से इनकार कर दिया।
विकसित कॉलोनियों से नहीं ले रहे टैक्स
कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी ने सदन में कहा, सीमा विस्तार के बाद नगर निगम में जो 88 गांव आए हैं उनकी विकसित कॉलोनियों में नगर निगम टैक्स नहीं ले रहा है। इससे बड़े बिल्डरों और प्रतिष्ठान वालों को फायदा हो रहा है। उन्हाेंने नगर निगम अधिनियम का हवाला देते हुए कहा कि जहां मार्ग प्रकाश, सड़क और पानी की सुविधा है, वहां टैक्स लगाया जा सकता है। इसके बाद भी निगम प्रशासन ऐसा नहीं कर रहा। इस पर नगर आयुक्त ने बताया कि अनावासीय भवनों पर टैक्स लगाया जा रहा है। आवासीय को लेकर कहा कि जहां विकास कार्य नहीं हैं, वहां अभी टैक्स नहीं लग रहा है।
भ्रष्टाचार रोकगा नगर निगम का लोकायुक्त
महापौर ने कहा कि गृहकर व अन्य विभागों में भ्रष्टाचार की शिकायतों को लेकर नगर निगम अपना लोकायुक्त नियुक्त करेगा। यह भ्रष्टाचार के मामलों की जांच कर कार्रवाई की संस्तुति करेगा। जल्द ही नियुक्ति की प्रक्रिया पूरी होगी।
पुलिस कस्टडी में सदन पहुंचीं ममता
कांग्रेस पार्षद दल की नेता ममता चौधरी सोमवार को नगर निगम सदन की बैठक में पुलिस कस्टडी में आईं। ममता ने बताया कि कांग्रेस पार्टी के ईडी की कार्यवाही के विरोध में प्रदर्शन के ऐलान के बाद रविवार रात पुलिस ने उनको हाउस अरेस्ट कर लिया। सदन की बैठक में जाने को लेकर जब पुलिस के अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कस्टडी में जाने की अनुमति दी।