मरीज को तुरंत इलाज मुहैया कराने के लिए एंबुलेंस का इस्तेमाल आपने जरूर सुना होगा लेकिन अब मेरठ में सड़कों की मरम्मत के लिए भी एंबुलेंस पहुंचेगी। जी हां इसके लिए आपको केवल सड़क के गड्ढे की फोटो निगम को भेजनी होगी। आगे विस्तार से जानें कैसे सड़कों के गड्ढों से मुक्ति दिलाएगी ये एंबुलेंस।
सड़कों में गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़कें हैं, मेरठ में यह पता नहीं चलता। लोग परेशान हैं, लेकिन दावा है कि अब यह परेशानी दूर होने वाली है। दरअसल, सड़कों के गड्ढों को भरने के लिए नगर निगम को दो सड़क एंबुलेंस मिली हैं, जो सूचना पर तत्काल मौके पर पहुंचेंगी और उसमें सवार निगमकर्मी गड्ढों को भरेंगे।
सूचना देने के लिए एक एप भी जारी किया जाएगा, जिसे लोग मोबाइल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकते हैं। गड्ढे का फोटो खींचकर एप के जरिए भेजने पर इसकी सूचना सीधे निगम के कंट्रोल रूम को जाएगी, क्योंकि एप को इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट (आईटीएमएस) से जोड़ा जाएगा।नगर निगम को मिलीं इन दो एंबुलेंस का शुभारंभ महापौर हरिकांत अहलूवालिया बुधवार को करेंगे। अपर नगर आयुक्त प्रमोद कुमार ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं के कारण अक्सर सड़कों के गड्ढे भी होते हैं। हादसों के चलते कई लोगों की जान तक जा चुकी है। इसकी शिकायतें लगातार मिल रही थीं। हादसों के अलावा अगर शुरुआती दौर में ही गड्ढा भर जाए तो सड़क टूटने से बच सकती है। इसे देखते हुए नगर निगम ने गड्ढे को तुरंत भरने की योजना बनाई है।
महापौर हरिकांत अहलूवालिया का कहना है कि प्रदेश में मेरठ को पहली दो सड़क एंबुलेंस मिली हैं। अब सड़कों पर कहीं भी गड्ढे लोगों को दिखेंगे तो वह तुरंत फोटो खींचकर एप पर डाल सकते हैं। एप से आने वाली फोटो और गड्ढे भरने की रिपोर्ट की भी निगरानी की जाएगी। वहीं, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट (आईएएस) गामिनी सिंगला सोमवार को नगर निगम पहुंची। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह ने पहले उन्हें निगम की व्यवस्था दिखाई और फिर सूरजकुंड स्थित नगर निगम की डिपो लेकर गए, जहां उन्होंने सड़क एंबुलेंस और रोबोट गाड़ियां देखीं।
संकरी गलियों से डोर टू डोर कूड़ा उठाने के लिए नगर निगम ने पांच नई रोबोट गाड़ियां (छोटी जेसीबी) खरीदी हैं, जिन्हें आज महापौर हरिकांत अहलूवालिया हरी झंडी देकर रवाना करेंगे। प्रभारी नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. हरपाल सिंह का कहना है कि शहर में छोटी-छोटी गलियों से कूड़ा उठाने में काफी दिक्कतें आ रही हैं, जिस कारण नगर निगम ने ये गाड़ियां खरीदी हैं।