चेन्नई आधारित सुराना समूह की कंपनियों से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं की करीब 124 करोड़ रुपये की संपत्ति को कथित बैंक ऋण धोखाधड़ी से संबंधित धनशोधन जांच के सिलसिले में कुर्क किया गया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को एक बयान में कहा कि धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत 78 अचल संपत्तियों को कुर्क करने का अस्थायी आदेश जारी किया गया है। एजेंसी ने इस मामले में पहले भी इतने ही मूल्य की संपत्ति कुर्क की थी और ताजा आदेश के साथ मामले में कुल कुर्की 248.98 करोड़ रुपये की हो गई है।
धनशोधन की जांच 2020 में आरोपियों के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गईं प्राथमिकयों से संबंधित है। इन प्राथमिकियों में आरोप लगाया गया है कि सुराना समूह की तीन कंपनियों ने मुखौटा कंपनियों के माध्यम से अपने प्रवर्तकों, निदेशकों और अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी, आपराधिक विश्वासघात और बही खातों में हेरफेर किया। आरोप है कि इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों को 3,986 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ।