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आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से नियंत्रित होगी भीड़, स्मार्ट सिटी और ट्रिपलआईटी के बीच हुआ समझौता

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महाकुंभ-2025 में भीड़ नियंत्रण में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाएगा। अगले साल होने वाले माघ मेले से ही इसकी शुरुआत हो जाएगी। भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (ट्रिपलआईटी) के बीच बुधवार को समझौता हुआ। इसके तहत शहर के विकास, सुरक्षा तंत्र मजबूत करने के साथ अलग-अलग मानकों पर शहर को स्मार्ट बनाने में भी संस्थान मददगार होगा।

18 बिंदुओं वाले समझौता पत्र पर संस्थान के निदेशक प्रोफेसर मुकुल शरद एवं स्मार्ट सिटी के सीईओ नगर आयुक्त चंद्र मोहन गर्ग ने हस्ताक्षर किए। इसके तहत ट्रिपलआईटी महाकुंभ में पैदल यात्रियों के आवागमन को सुचारू करने में मदद करेगा। इसके लिए इंटीग्रेटेड कंट्रोल एंड कमांड सेंटर (आईसीसीसी) आदि केंद्रों से प्राप्त डाटा का अध्ययन करके संस्थान मैकेनिजम तैयार करेगा। इससे पहले अगले माघ मेला में ही इसकी शुरुआत हो जाएगाी। संस्थान की मदद से माघ मेला के दौरान कैमरों में ऑर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का उपयोग करके पैदल चलने वालों की आवाजाही को लेकर मॉडल तैयार किया जाएगा।

मझौते के तहत शहरी विकास का खाका तैयार करने के साथ छात्र-छात्राओं के लिए भी शोध का एक नया आयाम खुलेगा। इसके तहत संस्थान के अध्यापकों एवं विद्यार्थियों के लिए आईसीसीसी, डिजिटल लाइब्रेरी, बाइक शेयरिंग, ओपेन एयर जिम आदि से संबंधित आंकड़ें उपलब्ध होंगे। इसके आधार पर वे लोगों के हित को ध्यान में रखकर शोध करने के साथ स्मार्ट सिटी लिमिटेड के लिए एप तैयार करेंगे। साथ ही अन्य तरीके से तकनीकी मदद देंगे। विभिन्न विभागों एवं स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट में भी शोध रिपोर्टों की मदद ली जाएगी।

पूरे शहर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं जो आईसीसीसी से जुड़े हैं। ऐसे में आईसीसीसी में शहर की सुरक्षा, यातायात आदि से संबंधित आंकड़ें आसानी से उपलब्ध हो जाएंगे। इसके अलावा कुंभ के पुराने आंकड़ें भी आईसीसीसी में उपलब्ध हैं। वहीं 2025 का महाकुंभ भी सामने है। ऐसे में इस समझौते को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है।

इस प्रोजेक्ट के संयोजक ट्रिपलआईटी के डॉ.मनीष कुमार ने बताया कि समझौते के बिंदुओं तथा संभावित शोध कार्यों आदि पर विस्तार से चर्चा हुई। समझौते के तहत स्मार्ट सिटी की ओर से सभी तरह के आंकड़ें उपलब्ध कराए जाएंगे। उन्होंने बताया कि एक-दो महीने में स्मार्ट सिटी से प्राप्त आंकड़ों का प्रारंभिक अध्ययन कर लिया जाएगा। इसके बाद तय किया जाएगा कि शहर के विकास, ई-रिक्शा संचालन, महाकुंभ आयोजन को ध्यान में रखकर किस तरह के उपयोगी प्रोजेक्ट पर काम किया जा सकता है।

डॉ.मनीष ने बताया कि यातायात नियंत्रण, अलग-अलग वाहनों की एप के माध्यम से बुकिंग, कंट्रोल रूम से विभिन्न योजनाओं पर निगरानी आदि में संस्थान तकनीकी रूप से काफी मदद कर सकता है। डाटा एनालिसिस के बाद इस बाबत प्रस्ताव तैयार किए जाएंगे।

समझौते के महत्वपूर्ण बिंदु

0 ट्रिपलआई और स्मार्ट सिटी के बीच किसी तरह का वित्तीय लेनदेन नहीं होगा

0 आईसीसीसी के सभी आंकड़े शोध एवं प्रशिक्षण के लिए उपलब्ध कराए जाएंगे

0 संस्थान डाटा के आधार पर उपकरण आदि तैयार कर स्मार्ट सिटी को देगा

0 डाटा के आधार जनहित को ध्यान में रखते हुए छात्र शोध क्षेत्र चुन सकेंगे

0 स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट पर छात्र प्रशिक्षण प्राप्त कर सकेंगे

0 विभिन्न प्रस्तावों पर संस्थान से परामर्श लिया जा सकेगा

0 सुरक्षा से संबंधित प्रोजेक्ट पर संस्थान के विशेषज्ञ सहयोग करेंगे

0 कचरा प्रबंधन, जलशोधन, प्रदूषण नियंत्रण, पॉलिथीन के उपयोग आदि में तकनीकी पहलुओं से नए विचारों का प्रयोग

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