आयकर विभाग ने आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म को भरने के लिए अपनी वेबसाइट पर एक्सेल की सुविधा दी है। आयकरदाता इसकी मदद से न सिर्फ अपनी कर देनदारी का आकलन कर सकते हैं बल्कि बिना सीए या विशेषज्ञ के ही अपना रिटर्न फॉर्म भी भर सकते हैं।
आयकर विभाग ने आकलन वर्ष 2023-24 या वित्त वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (आईटीआर) भरने को ऑफलाइन आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म जारी किए हैं। अब जो भी आयकरदाता आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म के जरिये अपना रिटर्न ऑफलाइन भरना चाहते हैं, वे भर सकते हैं। आयकर विभाग ने आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म को भरने के लिए अपनी वेबसाइट पर एक्सेल की सुविधा दी है। आयकरदाता इसकी मदद से न सिर्फ अपनी कर देनदारी का आकलन कर सकते हैं बल्कि बिना सीए या विशेषज्ञ के ही अपना रिटर्न फॉर्म भी भर सकते हैं।
किसके लिए हैं ये फॉर्म
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- आईटीआर-1 या सहज फॉर्म : वैसे आयकरदाता जिनकी सालाना आय 50 लाख से अधिक नहीं है। इसमें वेतन से आय, एक मकान की संपत्ति, अन्य स्रोत और 5,000 रुपये तक की कृषि आय आती है।
- आईटीआर-4 या सुगम फॉर्म : व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों व कंपनियों (एलएलपी के अलावा) के लिए है, जिनकी कुल आय 50 लाख तक है। इसमें व्यवसाय व पेशे से आय शामिल है। गणना आयकर की धारा 44एडी, 44एडीए या 44एई व 5,000 रुपये की कृषि आय के तहत होती है।
विभाग की वेबसाइट से करना होगा डाउनलोड
आयकरदाताओं को आईटीआर-1 और आईटीआर-4 फॉर्म आयकर विभाग की वेबसाइट से डाउनलोड करना होगा। यह फॉर्म एक्सेल और जावा यूटिलिटी दोनों फॉर्मेट में उपलब्ध है। फॉर्म भरने के बाद उसे आयकर विभाग के ई-फाइलिंग पोर्टल पर अपलोड करना होगा।
- वेतनभोगियों के आसानी से रिटर्न भरने के लिए अपने नियोक्ताओं से फॉर्म-16 की जरूरत पड़ती है। नियोक्ता के लिए फॉर्म-16 जारी करने की अंतिम तारीख 15 जून, 2023 है।
फॉर्म में हुआ ये बदलाव : आईटीआर फॉर्म में इस साल ज्यादा बदलाव देखने को नहीं मिला है। फिर भी, एक बड़ा बदलाव हुआ है। इसके तहत अब आयकरदाता को क्रिप्टोकरेंसी और वर्चुअल डिजिटल एसेट लेनदेन से से जुड़ी जानकारी देना जरूरी है। सरकार ने आयकर कानूनों में संशोधन कर क्रिप्टोकरेंसी और दूसरे वर्चुअल डिजिटल एसेट को टैक्सेबल बना दिया है।
फॉर्म भरने के बाद जरूर करें सत्यापन
रिटर्न भरते समय सही आईटीआर फॉर्म का चुनाव करें। अगर आप आईटीआर भरते समय गलत फॉर्म का इस्तेमाल करते हैं तो इसे दोषपूर्ण रिटर्न माना जाता है। इसके अलावा, ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों तरीके से आईटीआर भरते समय याद रखें कि एक बार रिटर्न फॉर्म जमा करने के बाद इसे सत्यापित करना अनिवार्य है। आपके आईटीआर को आयकर विभाग तब तक प्रोसेस नहीं करेगा, जब तक इसे आपकी ओर से सत्यापित नहीं किया जाता है। -अतुल गर्ग, चार्टर्ड अकाउंटेंट