यूएई के उपराष्ट्रपति महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने कहा कि सुल्तान ने तीन साल गहन प्रशिक्षण किया, जिसका परिणाम आज सामने हैं। आज हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर स्पेसवॉक करते हुए देख सकते हैं।
संयुक्त अरब अमीरात (यूएई ) के अंतरिक्ष यात्री ने एक इतिहास रच दिया है। सुल्तान अलनेयादी अभियान 69 के दौरान अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर स्पेसवॉक करने वाले पहली अरब यात्री बन गए हैं। मोहम्मद बिन राशिद स्पेस सेंटर (MBRSC) ने बताया कि सुल्तान अलनेयादी स्पेसवॉक करने वाले पहले मुस्लिम अंतरिक्ष यात्री हैं। उनके इतिहास रचने से पूरा यूएई गर्व महसूस कर रहा ह
उपराष्ट्रपति ने की तारीफ
यूएई के उपराष्ट्रपति व प्रधानमंत्री और दुबई के शासक महामहिम शेख मोहम्मद बिन राशिद अल मकतूम ने कहा कि सुल्तान ने तीन साल गहन प्रशिक्षण किया, जिसका परिणाम आज सामने हैं। आज हम उन्हें अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन के बाहर स्पेसवॉक करते हुए देख सकते हैं
अधिकतर सितारों के नाम अरबी
शेख मोहम्मद बिन राशिद ने आगे कहा कि अधिकतर सितारों के नाम अरबी हैं। हम आज अपने युवाओं में विज्ञान को लेकर उत्सुकता देख सकते हैं। इसलिए उनपर खासा ध्यान दे रहे हैं। साथ ही निवेश पर भी ध्यान दिया जा रहा है। यह हमारे भविष्य को आकार देगा।
अरब अंतरिक्ष यात्री के लिए पहला मौका
किसी भी अरब अंतरिक्ष यात्री के लिए 7.01 घंटे की एक्सट्राव्हीकुलर एक्टिविटी (EVA) करने का पहला मौका था। इस दौरान, अल नेयादी और नासा के चालक दल के सदस्य स्टीफन बोवेन ने रेडियो फ्रीक्वेंसी ग्रुप यूनिट नाम के संचार उपकरण के एक हिस्से को ठीक किया। वहीं, सोलर ऐरे इंस्टॉलेशन में भी दोनों ने अच्छी भूमिका निभाई। स्पेसवॉक के दौरान अलनेयादी की प्रगति को ह्यूस्टन में नासा के ग्राउंड स्टेशन से अभियान 69 के इंक्रीमेंट लीड हज्जा अल मंसूरी ने भी देखा।
ऐसा करने वाला 10वां देश बना यूएई
बता दें, संयुक्त अरब अमीरात 10वां ऐसा देश में बन गया है जिसने अपने नागरिक को अंतरिक्ष में स्पेस वॉक कराया है। स्पेसवॉक से पहले अंतरिक्ष यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पूरी तरह से जांच की गई थी।
अल नेयादी का ट्वीट
आईएसएस से अल नेयादी ने ट्वीट किया था कि 28 अप्रैल को स्टीव बोवेन और मैं रेडियो फ्रीक्वेंसी ग्रुप यूनिट को बदलने और सौर पैनलों की स्थापना के लिए तैयार करने के लिए एक स्पेसवॉक करेंगे। प्रशिक्षण की लंबी अवधि के बाद हम चुनौती लेने और एक नया मील का पत्थर स्थापित करने के लिए तैयार हैं।
करना पड़ा इन चुनौतियों का सामना
आईएसएस के बाहर अपनी ऊंचाई पर स्पेसवॉक के दौरान अलनेयादी और बोवेन को दो बड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ा। पहला रेडिएशन और दूसरा अधिकत्तम तापमान। गौरतलब है, अंतरिक्ष में आसपास का वातावरण सूरज की रोशनी में 120 डिग्री सेल्सियस तक झुलसा देने वाला तापमान तक पहुंच सकता है। सूरज की दृष्टि से बाहर होने पर -150 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।