मध्यप्रदेश के दतिया जिले में नाबालिग बच्ची से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने बड़ा फैसला दिया है। नाबालिक बच्ची से दुष्कर्म करने वाले मामा को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई है। पोस्को विशेष कोर्ट की जज रमाजयंत मित्तल ने छत्रपाल रावत (29) को फांसी की सजा सुनाते हुए 18000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
दरअसल, बच्ची के साथ दुष्कर्म की घटना जिले की गोराघाट थाना इलाके के एक गांव की है। 8 मई को पीड़ित नाबालिक बच्ची अपने मौसा के यहां शादी में शामिल होने के लिए आई थी। इस शादी में पीड़िता का मुंह बोला मामा छत्रपाल रावत भी आया हुआ था। शादी की रात छत्रपाल 9 साल की बच्ची को अगवा कर पास के जंगल में ले गया, जहां उसने मासूम के साथ दुष्कर्म किया। बाद में पुलिस से बचने के लिए मासूम की हत्या भी कर दी। बच्ची के लापता होने की शिकायत पर पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू की और आरोपी छत्रपाल को गिरफ्तार किया था।
इस मामले की पैरवी कर रहे विशिष्ट लोक अभियोजक एडवोकेट आशीष चतुर्वेदी ने बताया गंभीर अपराधों में फांसी की सजा का प्रावधान है। न्यायालय ने बच्ची के साथ दुष्कर्म और हत्या करने के मामले को गंभीरता से लिया। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद कोर्ट ने छत्रपाल को दोषी मानते हुए फांसी की सजा सुनाई। साथ ही 18000 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।