केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को कहा कि केंद्र सरकार डिजिटल मीडिया नियमन के लिए एक विधेयक पर काम कर रही है। उन्होंने कहा कि पहले समाचारों का एकतरफा संचार हुआ करता था, लेकिन इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के विकास से समाचारों का संचार बहुआयामी हो गया है।
उन्होंने कहा कि अब गांव की छोटी-छोटी खबरें भी डिजिटल मीडिया के माध्यम से राष्ट्रीय पटल तक आ जाती है। लेकिन वर्तमान में डिजिटल मीडिया अवसरों के साथ-साथ चुनौतियां भी पेश करता है, यह भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया की तरह स्व-नियमित है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अधिकांश प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया को स्व-नियमन पर छोड़ दिया है। एक अच्छा संतुलन बनाए रखने के लिए सरकार यह देखेगी कि इस पर क्या किया जा सकता है। ठाकुर ने कहा कि इसके नियमन की आवश्यकता है और इसे ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार जल्द ही कानून लाएगी।
एक हिंदी दैनिक समाचार द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में ठाकुर ने कहा कि मैं कहूंगा कि कानून में जो भी बदलाव किए जाएंगे, हम आपके काम को सरल और आसान बनाने के लिए करेंग। हम इसे लेकर एक विधेयक पेश करने के लिए काम कर रहे हैं। ठाकुर ने यह भी कहा कि समाचार पत्रों के पंजीकरण की प्रक्रिया को सरल बनाया जाएगा और केंद्र सरकार जल्द ही 1867 प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम को बदलने के लिए एक नया कानून लाएगी। नए कानून के तहत पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा करना ऑनलाइन मोड के माध्यम से एक सप्ताह में संभव होगा, जिसके लिए अभी लगभग चार महीने लगते हैं।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार ‘ईज ऑफ डुइंग बिजनेस और ईज ऑफ लिविंग’ लाने की दिशा में काम कर रही है और कंपनियों के पंजीकरण में बदलाव उसी दिशा में एक कदम है। उन्होंने कहा कि कंपनियों के पंजीकरण की बात हो या आम नागरिक द्वारा बैंक खाता खोलने की प्रक्रिया हो, सभी को बहुत आसान कर दिया गया है। मंत्री ने यह भी कहा कि अखबारों को सही खबर को आम जनता के सामने सही समय पर लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार की कमियों के साथ-साथ सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं और नीतियों को आमजन तक पहुंचाएं।
उन्होंने मीडिया से जिम्मेदारी से अपना काम करने और भय एवं भ्रम का माहौल बनाने से बचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार पत्रकारों के हितों का भी ध्यान रखती है। उन्होंने कहा कि ‘कोविड महामारी के दौरान जिन पत्रकारों की कोविड-19 से मृत्यु हुई उनके परिजनों को केंद्र सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की गई। इसके अलावा अब केंद्र सरकार ने डिजिटल मीडिया में काम करने वाले पत्रकारों को भी मान्यता देने पर काम करना शुरू किया है।