चुनाव आयोग ने गुरुवार को गुजरात विधानसभा के लिए मतदान कार्यक्रम की घोषणा की। यहां दो चरणों में 01 दिसंबर और 05 दिसंबर को मतदान होगा और 08 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनावों के साथ नतीजे आएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने चुनाव आयुक्त अनूप चन्द्र पांडे के साथ यहां प्रेसवार्ता में चुनाव कार्यक्रम की जानकारी दी।
आज घोषित कार्यक्रम के अनुसार पहले चरण में गुजरात के पूर्वी और दक्षिणी हिस्से की 89 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा। इसके लिए अधिसूचना 05 नवंबर को जारी की जाएगी। नामांकन 14 नवंबर तक कर सकते हैं। नामांकन की जांच 15 नवंबर को होगी। नाम वापसी की तिथि 17 नवंबर रहेगी। इस चरण के लिए मतदान 01 दिसंबर गुरुवार को होगा।
दूसरे चरण में मध्य गुजरात में 93 विधानसभा सीटों के लिए मतदान होगा। इसके लिए अधिसूचना 10 नवंबर को जारी की जाएगी। नामांकन 17 नवंबर तक कर सकते हैं। नामांकन की जांच 18 नवंबर को होगी। नाम वापसी की तिथि 21 नवंबर रहेगी। इस चरण के लिए मतदान 05 दिसंबर सोमवार को होगा।
गुजरात में पहले चरण में कच्छ, सुंदर नगर, मोरबी, राजकोट, जामनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, गिर सोमनाथ, अमरेली, भावनगर, बोटाद, नर्मदा, भरूच, सूरत, तापी, डांग, नवसारी और वलसाड में मतदान होगा। दूसरे चरण में बनासकांठा, पाटन, मेहसाना, साबरकांठा, अरावली, गांधीनगर, अहमदाबाद, आनंद, खेड़ा, महिसागर, पंचमहल, दाहोद वडोदरा और छोटा उदयपुर में मतदान होगा।
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि गुजरात विधानसभा का कार्यकाल 18 फरवरी 2023 में समाप्त होने जा रहा है। इसमें अभी 100 दिन का समय बाकी है। उन्होंने बताया कि राज्य की 182 विधानसभा सीटों में से 13 अनुसूचित जाति और 27 अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है।
उन्होंने बताया कि इस बार 4,91,17,308 मतदाता अपने मताधिकार का उपयोग कर पाएंगे। इनमें 27,943 सेवा मतदाता है। एक मतदान केंद्र पर अधिकतम 1500 मतदाता हो सकते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए 2022 में 51,782 मतदान केंद्र बनाए गए हैं जो पिछली बार से 3.29 फीसदी अधिक है।
राजीव कुमार ने बताया कि चुनाव आयोग ने इस बार विभिन्न वंचित समूहों को मतदान से जोड़ने के लिए प्रयास किया है। आयोग ने इस बात को सुनिश्चित किया है कि दिव्यांग, ट्रांसजेंडर और सेक्स वर्कर का नाम मतदाता सूची में जुड़े। इस बार की सूची में 4,04,802 दिव्यांग, 1,417 ट्रांसजेंडर और 9,87,999 80 वर्ष की आयु पूरी करने वाले मतदाता हैं।
राजीव कुमार ने बताया कि जनप्रतिनिधि कानून 1950 के सेक्शन 14 में बदलाव कर अब यह प्रावधान बनाया गया है कि वर्ष में चार बार मतदाता सूची को अपडेट किया जाएगा और 18 वर्ष की आयु पार करने वाले युवा को मतदान कार्यक्रम से जोड़ा जाएगा। इसके परिणाम स्वरूप एक जनवरी से एक अक्टूबर के बीच इस वर्ष गुजरात में चलाए गए अभियान के तहत 3,24,420 नए नाम मतदाता सूची में जोड़े गए हैं।
गुजरात की हर विधानसभा में कम से कम एक मतदान केंद्र केवल महिलाओं और दिव्यांगजन द्वारा संचालित किया जाएगा। इसके अलावा युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए हर जिले में एक मतदान केंद्र केवल युवाओं और नए मतदान अधिकारियों की ओर से प्रबंधित होगा।
अपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों और उन्हें टिकट देने वाली राजनीतिक दलों को चुनाव अभियान के दौरान कम से कम तीन बार न्यूजपेपर और टीवी चैनलों के माध्यम से इसकी जानकारी देनी होगी। राजनीतिक दलों को अपनी वेबसाइट पर यह भी बताना होगा कि उन्होंने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार को क्यों टिकट दिया।