हल्द्वानी में दो दिवसीय जोहार महोत्सव देर रात रंगारंग कार्यक्रमों के साथ समापन हुआ।
चीन (तिब्बत) की सीमा से सटे सीमांत मुनस्यारी क्षेत्र के जोहार घाटी के रहने वाले वहां के वाशिंदे जिन्हें शौका के नाम से भी जाना जाता है, इस घाटी के लोगो द्वारा हल्द्वानी में इस जोहार महोत्सव का आयोजन कराया जाता है, जोहार घाटी की शौका लोक संस्कृति के साथ इस महोत्सव की रंगारंग प्रस्तुतियों ने लोगो का मन मोह लिया, तिब्बत सीमा से सटे सीमांत क्षेत्र के सरकारी व गैर सरकारी सेवाओं में बड़े बड़े पदों पर आसीन जोहार घाटी के शौकाई इस दो दिवसीय जोहार महोत्सव में दूर दूर से शिरकत करने आते हैं।
उनके मुताबिक जोहर घाटी की संस्कृति को बचाने और उसको सँजोये रखने के लिए इस आयोजन को हर वर्ष किया जाता है। जिससे आने वाली नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति से परिचय साथ ही अपनी संस्कृति को बचाने और अपनी धरोहर को संजोने के उद्देश्य से इस कार्यक्रम का भव्य आयोजन किया जाता है।
देर रात गढ़ रत्न लोक गायक नरेन्द्र सिंह नेगी ने जौहर महोत्सव में धूम मचायी, गढ़ रत्न नरेंद्र सिंह नेगी के ” नंदा राजजात पर गाए गाने “जय भोला जय भगवती गंगा” और ठंडो रे ठंडो मेरा पहाड़ा का पानी ठंडो की धुनो पर लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया, नरेन्द्र नेगी ने कुमाऊं और गढ़वाल की संस्कृति को अपनी गायकी से साधने मे सफल रहे।