वाराणसी में सिगरा के जयप्रकाश नगर में बुधवार रात भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह हत्याकांड में पुलिस कमिश्नर ने गुरुवार सुबह बड़ी कारवाई की। प्रारंभिक जांच में घटना में लापरवाही बरतने वाले नगर निगम चौकी प्रभारी समेत दो दरोगा, तीन हेड कांस्टेबल और चार कांस्टेबल को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस कार्रवाई के बाद महकमे में हड़कंप मच गया है। अभी कुछ और पुलिसकर्मी जांच की जद में आ सकते हैं। उधर पुलिस ने देर रात घटना में नामजद बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया है और पूछताछ की जा रही है।
भाजपा नेता की शिकायतों को नजरंदाज करने और घटना के दौरान लापरवाही में नगर निगम चौकी प्रभारी नीरज ओझा, दरोगा ललित कुमार पांडेय, हेड कांस्टेबल देवी यादव, अनूप राय, मोहन यादव और कांस्टेबल राम अवतार, नितिन, सुधांशु व दिनेश निलंबित किया गया है।
लाठी-डंडे व रॉड से मारकर हत्या
बता दें कि वाराणसी में बुधवार रात भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की मनबढ़ युवकों ने लाठी-डंडे व रॉड से मारकर हत्या कर दी। वारदात सिगरा जैसे पॉश इलाके के जयप्रकाश नगर मोहल्ले में हुई है। शराब पीकर झगड़ा करने वालों को टोकने वाले भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह ने जयप्रकाश नगर और आसपास के इलाकों में सक्रिय मनबढ़ युवकों के गैंग-307 की शिकायतें पुलिस तक पहुंचाई थी। मई से सितंबर के बीच शराब ठेके के बाहर इस गैंग के उपद्रव की तस्वीरों को भी उन्होंने कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव को भेजी थी।
बता दें कि वाराणसी में बुधवार रात भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह की मनबढ़ युवकों ने लाठी-डंडे व रॉड से मारकर हत्या कर दी। वारदात सिगरा जैसे पॉश इलाके के जयप्रकाश नगर मोहल्ले में हुई है। शराब पीकर झगड़ा करने वालों को टोकने वाले भाजपा नेता पशुपति नाथ सिंह ने जयप्रकाश नगर और आसपास के इलाकों में सक्रिय मनबढ़ युवकों के गैंग-307 की शिकायतें पुलिस तक पहुंचाई थी। मई से सितंबर के बीच शराब ठेके के बाहर इस गैंग के उपद्रव की तस्वीरों को भी उन्होंने कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव को भेजी थी।
विधायक ने भी पुलिस को इसकी शिकायत कर कार्रवाई के लिए कहा था। मगर, पुलिस ने शिकायतों को नजरअंदाज किया और अंत में इस लापरवाही की कीमत भाजपा नेता पशुपतिनाथ को जान देकर चुकानी पड़ी। उधर, बुरी तरह जख्मी उनका बेटा बीएचयू ट्रॉमा सेंटर में भर्ती है। इधर, जिस तरह से वारदात को अंजाम दिया गया, उसके बाद स्थानीय लोग दहशत में हैं। हॉकी, लाठी-डंडे से 40 से 50 युवकों की भीड़ पिता-पुत्र दुश्मन की तरह टूटी थी और कोई कुछ न कर सका।