केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने बेगूसराय में हुए भीषण गोली कांड के पीड़ित घायल एवं मृतक के परिजनों से बुधवार को मुलाकात किया।
केंद्रीय कैबिनेट की बैठक छोड़कर बेगूसराय पहुंचे गिरिराज सिंह ने सबसे पहले मृतक इंजीनियर चंदन कुमार के परिजनों से मुलाकात कर चंदन की अर्थी को कंधा दिया। इसके बाद सदर अस्पताल सहित बेगूसराय के विभिन्न अस्पतालों में भर्ती घायल से मिलकर उनके समुचित इलाज का निर्देश देने के साथ-साथ परिजनों को हरसंभव सहायता दिलाने का आश्वासन दिया।
पत्रकारों से बात करते हुए गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार में सरकार का अकबाल खत्म हो गया है, अपराधी मस्त और सरकार पस्त हो गई है। बिहार की जनता खौफ में आ गई है, यह कैसा जंगल जनता राज है कि निर्दोषों के ऊपर ताबड़तोड़ गोलीबारी किया गया। इंजीनियर चंदन कुमार की हत्या कर दी गई, पूरा घर चंदन पर आश्रित था। नीतीश कुमार धृतराष्ट्र की तरह सत्ता के मोह में नहीं रहें, बाहर निकलें, चंदन के विधवा को नौकरी और परिजन को एक करोड़ का मुआवजा दें। घायलों को 50-50 लाख मुआवजा दिया जाए।
इस घटना के लिए दोषी नीतीश कुमार मुखौटा मुख्यमंत्री हो गए हैं, असली मुख्यमंत्री तो तेजस्वी यादव हैं, उसी का शासन है, नीतीश कुमार गोद में पड़े हुए हैं। बेगूसराय में 40 से 50 मिनट तक अपराधी खुलेआम तांडव करते रहे, कहां है जनता राज। दुर्भाग्य बिहार का है कि सत्ता के मोह में नीतीश कुमार धृतराष्ट्र की तरह पड़े हुए हैं। सात पुलिस पदाधिकारी को निलंबित कर बलि का बकरा बनाया जा रहा है, हिम्मत है तो इस्तीफा देकर कहें कि मैं अपना मुखौटा उतारता हूं। विभिन्न जगहों पर लिखा रहता है कि पुलिस आपकी सहायता में तत्पर है और अपराधी तांडव करते रहते हैं।
कभी सोचा भी नहीं था कि बेगूसराय में ऐसी घटना होगी। बिहार में पहली बार ऐसी घटना हो रही है और सरकार मुंह बंद करके चुपचाप बैठी हुई है, क्योंकि सरकार नाम की कोई चीज ही नहीं है बिहार में। जिस जंगलराज के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी सदैव संघर्षरत रही उसी के साथ गठबंधन कर संपूर्ण राज्य में अराजकता का माहौल फैलाने के लिए केवल मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जिम्मेदार हैं। उन्हें अपनी नैतिक जिम्मेदारी को समझते हुए तत्काल पद से इस्तीफा देना चाहिए, ताकि बिहार की जनता अमन चैन का वातावरण को महसूस करें, अपराधियों पर नकेल कसने की तैयारी तेज हो।
गिरिराज सिंह ने कहा कि जिस प्रकार से सरकार के मंत्री का बयान आता है, वह निश्चित तौर पर अपराधियों के मनोबल को मजबूत करता है। उसी का नतीजा है कि बेगूसराय की घटना को अंजाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि पीरबहोर में जिस प्रकार से थाने से अपराधियों को छुड़ाया गया है, वह बताता है कि अपराधी कहीं ना कहीं सत्ता से संरक्षण प्राप्त कर इस प्रकार के कुकृत्य को अंजाम दे रहे हैं।