उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने बुधवार को कहा कि दुनिया को एक परिवार मानने के लिए “वसुधैव कुटुम्बकम” की अवधारणा भारत के सभ्यतागत लोकाचार के मूल मूल्य का प्रतिनिधित्व करती है।
उपराष्ट्रपति ने यहां नेशनल डिफेंस कॉलेज (एनडीसी) में ‘भारत के मूल मूल्य, रुचियां और उद्देश्य’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि संविधान की प्रस्तावना में कई मूल मूल्यों का उल्लेख है।
कोविड-19 महामारी के दौरान शुरू की गई ‘वैक्सीन मैत्री’ पहल का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि पूरे इतिहास में भारत का दृष्टिकोण कभी भी विस्तारवादी नहीं रहा है।
भारत में रणनीतिक शिक्षा के सबसे प्रमुख केंद्रों में से एक के रूप में खुद को स्थापित करने के लिए एनडीसी की प्रशंसा करते हुए धनखड़ ने कहा कि इस महान संस्थान ने पिछले छह दशकों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिष्ठा और कद दोनों में वृद्धि की है।